तारीख- 21 अप्रैल 1989, स्थान- चीन की राजधानी बीजिंग का थियानमेन चौक। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव और उदार सुधारवादी नेता हू याओबांग की मौत के बाद उनकी याद में काफी संख्या में छात्र-मजदूर एकजुट हुए थे। हू याओबांग को सरकार की आर्थिक और राजनीतिक नीति के लगातार विरोध के कारण हटा दिया गया था।
याओबांग के निधन के बाद सरकार के खिलाफ छात्रों का गुस्सा ऐसा भड़का कि उसने आंदोलन का रूप ले लिया। किसी को अंदाजा नहीं पता था कि 21 अप्रैल से शुरू हुआ यह आंदोलन छह सप्ताह बाद भयावह खूनी अंजाम तक पहुंच जाएगा।
थियानमेन चौक पर छात्रों का आंदोलन लगातार व्यापक रूप ले रहा था। वे सरकार के खिलाफ एकजुट होकर देश में लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे थे। 3-4 जून को चीनी सेना ने खून की होली खेली। सेना के टैंक सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियों की बरसात होने लगी। थियानमेन चौक निहत्थे नौजवान प्रदर्शनकारियों की लाशों से बिछ गया।
घटना के समय वहां मौजूद एक ब्रिटिश पत्रकार का दावा किया था कि नरसंहार में 10 हजार से भी अधिक लोगों की जान गयी।चीनी टैंकों के सामने निडर खड़े एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर दुनिया भर में प्रतिरोध की जीवंत तस्वीर के रूप में देखी जाती है, जो टैंकमैन के नाम से जाना जाता है। इस क्रूरता को लेकर चीन की कड़ी आलोचना होती रही है लेकिन चीन की सरकार ने कभी इसपर अफसोस जताने की भी जरूरत नहीं समझी।
अन्य अहम घटनाएंः
1924ः अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भारत के पहले निशानेबाज कर्णी सिंह का जन्म।
1938ः शायर मोहम्मद इकबाल का निधन।
2013ः आंकड़ों की बाजीगरी में मशीन को भी मात देने वाली शकुंतला देवी का निधन।
2015ः कांग्रेस नेता जानकी वल्लभ पटनायक का निधन।