इतिहास के पन्नों में : 24 अप्रैल – शौर्य और वीरता का अद्भुत अध्याय

‘यदि कोई कहता है कि मुझे मौत से डर नहीं लगता, वह या तो झूठ बोल रहा है या वह निश्चय ही गोरखा है।’- जनरल सैम मानेकशॉ

गोरखा रेजिमेंट की बहादुरी के किस्सों से इतिहास भरा पड़ा है। गोरखा रेजिमेंट भारतीय सेना की बड़ी रेजिमेंट है और 60-80 हजार नेपाली गोरखा इसका हिस्सा हैं। 24 अप्रैल 1815 में इस रेजिमेंट की नींव रखी गई थी।

दरअसल, ईस्ट इंडिया कंपनी का नेपाल राजशाही से युद्ध हुआ जिसमें गोरखा सैनिक इतनी बहादुरी से लड़े कि ईस्ट इंडिया कंपनी के डेविड ऑक्टरलोनी गोरखाओं के साहस के कायल हो गए। उन्होंने गोरखा रेजिमेंट बनाने का फैसला किया।

1947 में भारत की आजादी के बाद भारत, नेपाल और ब्रिटेन में गोरखा सैनिकों की सैन्य सेवा को लेकर समझौता हुआ जिसके मुताबिक दोनों देश की सेना में नेपाली गोरखा की नियुक्ति होती है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों के विषम दुर्गम इलाकों में इस रेजिमेंट ने हर बार अपने बेमिसाल युद्ध कौशल से दुश्मन के साथ-साथ दुनिया के देशों को प्रभावित किया है। गोरखा रेजिमेंट भारत के अलावा यूके, सिंगापुर और ब्रूनेई जैसे देशों में भी है।

अन्य अहम घटनाएं:

1928: प्रसिद्ध कन्नड़ फिल्म अभिनेता राजकुमार का जन्म।

1929: भारतीय फिल्म अभिनेत्री शम्मी का जन्म।

1934: भारतीय न्यायाधीश और राजनेता सी. शंकरन नायर का निधन।

1956: छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध पंडवानी लोक कलाकार तीजन बाई का जन्म।

1973: विश्व के महानतम बल्लेबाजों में शामिल सचिन रमेश तेंदुलकर का जन्म।

1974: हिंदी के प्रख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर का निधन।

2011: आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा का निधन।

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