इतिहास के पन्नों में: 25 अप्रैल – जब टीवी पर उतरा रंगों का मेला

25 अप्रैल 1982, यह भारतीय टेलीविजन के लिए नये सफर की शुरुआत थी। टीवी की तस्वीरें श्वेत-श्याम से रंगीन हो गई। जीती-जागती, धड़कती तस्वीरें, रंगों के साथ मिलकर भारतीय दर्शकों पर जादुई असर डाल रही थी।

दूरदर्शन ने इस करिश्माई स्क्रीन की रंगीन जीवंत तस्वीरों को जब भारतीय दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया तो घर-घर की रंगत बदल गयी। दूरदर्शन के कार्यक्रमों के समय सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा। ‘बुनियाद’, ‘हमलोग’, ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ जैसे टीवी सीरियलों ने दूरदर्शन की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिये। फिल्मी गीतों के कार्यक्रम ‘चित्रहार’ के साथ-साथ ‘कृषि दर्शन’ जैसे कार्यक्रमों का भी व्यापक दर्शक वर्ग बना।

स्टेटस सिंबल में बदले रंगीन टीवी की देखते ही देखते इस कदर मांग बढ़ी कि भारत सरकार को इसका आयात करना पड़ा। इसी वजह से 80 का दशक दूरदर्शन युग कहा जाता है। जब नवंबर 1982 में भारत में एशियाई खेलों की मेजबानी हुई और इन खेलों का रंगीन प्रसारण हुआ।

वैसे तो 1959 में इंडियन टेलीविजन की शुरुआत हुई लेकिन 1965 में इसे दूरदर्शन नाम मिला। इसी के साथ इसका रोजाना प्रसारण शुरू हुआ और समाचार आने शुरू हुए। इसके 23 साल बाद 1982 में टीवी रंगीन हुआ।

अन्य अहम घटनाएं:

1904: साहित्यकार चंद्रबली पांडेय का जन्म।

1969: सुप्रसिद्ध भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी आईएम विजयन का जन्म।

2000: हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध पटकथा और कहानी लेखक पंडित मुखराम शर्मा का निधन।

2005: भारतीय संत स्वामी रंगनाथनंदा का निधन।

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