इतिहास के पन्नों में : 30 अप्रैल – तानाशाह का खौफनाक अंत

1945 में दूसरे विश्वयुद्ध का अंत करीब था। जर्मन तानाशाह हिटलर मित्र राष्ट्रों की सेनाओं के सामने घिर चुका था। 30 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े 10 बजे जर्मन तानाशाह हिटलर, जनरल हेलमुथ वीडलिंग से मिला, जिसने हिटलर को मायूस करने वाली खबर दी कि अंत करीब है। फिर भी हिटलर ने संकेत दे दिया कि वह सोवियत सेनाओं के सामने झुकेगा नहीं।

दरअसल, एकदिन पहले 29 अप्रैल को बर्लिन के बांडेनबर्ग गेट के पास बेहद सुरक्षित बंकर में छिपे हिटलर को पता चला कि उसका मित्र और इटली का तानाशाह मुसोलिनी किस तरह विरोधियों के हाथों लगकर मारा गया और वहां की जनता ने मुसोलिनी के शव का क्या हाल किया। इस खबर से विचलित हिटलर को जब अपनी पराजय दिखने लगी और उसे दुश्मन सेना के हाथों लग जाने का अंदेशा हुआ तो निर्णायक फैसला किया- आत्महत्या।

इसी फैसले के बाद बंकर में उसके साथ छिपी प्रेमिका ईवा ब्राउन से हिटलर ने शादी की। उसी रात 01 बजे फील्ड मार्शल विलियम केटल ने हिटलर को सूचना दी कि उसकी सेना घिर चुकी है और अब समर्पण के अलावा कोई रास्ता नहीं। हिटलर के सामने बस कुछेक घंटे का समय बचा था।

30 अप्रैल को हिटलर ने जहर का असर देखने के लिए सबसे पहले अपने वफादार कुत्ते को साइनाइड की गोलियां दीं, कुत्ते की तत्काल मौत हो गयी। दोपहर करीब 02 बजे उसने प्रेमिका ईवा ब्राउन और अपने कुछ विश्वसनीय सहयोगियों के साथ बंकर में लंच किया।

साढ़े 03 बजे गोली चलने की आवाज आई। हिटलर का कमरा खोले जाने पर पता चला कि उसने खुद को गोली मार ली है। खुद को गोली मारने से पहले उसने जहर की गोलियां भी खायी थी। उसकी प्रेमिका ईवा ब्राउन की साइनाइड खाने से जान जा चुकी थी। 01 मई को दुनिया को खबर लगी कि हिटलर की मौत हो चुकी है।

अन्य अहम घटनाएंः

1837ः महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष हरि सिंह नलवा का निधन।

1896ः आध्यात्मिक गुरु मां आनंदमयी का जन्म।

1908ः खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ड के मजिस्ट्रेट की हत्या के लिए बम फेंका।

1927ः सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश फातिमा बीबी का जन्म।

1870ः भारत के सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक एवं पटकथा लेखक दादा साहब फाल्के का जन्म।

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