इतिहास के पन्नों में: 4 अप्रैल – जिन्होंने नारी अधिकारों को नया अर्थ दिया

तब संयुक्त राष्ट्र अपने शैशव काल में था, उसके गठन के कुछेक साल ही बीते थे। 1947-48 में मानवाधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा पत्र (यूडीएचआर) का मसौदा तैयार किया जा रहा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में उस समय अमेरिकी सदस्या के साथ सिर्फ एक अन्य महिला सदस्य थीं जो भारतीय थीं- डॉ. हंसा मेहता

यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (यूडीएचआर) के अनुच्छेद-एक में एक वाक्य प्रस्तावित था- ‘सभी पुरुष स्वतंत्र और समान पैदा होते हैं।’ भारतीय सदस्या हंसा मेहता ने इस वाक्यांश को बदलने की पेशकश की- ‘सभी मानव स्वतंत्र हैं और समान पैदा होते हैं।’ डॉ. हंसा मेहता की इस समावेशी भाषा को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इस वाक्यांश को महिला अधिकारों के संदर्भ में बार-बार याद किया जाता है।

3 जुलाई 1897 में तत्कालीन बड़ौदा रियासत में जन्मीं हंसा मेहता महान स्वतंत्रता सेनानी, नारीवादी, सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद् थीं। महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हंसा मेहता ने शराब की दुकानों और विदेशी कपड़ों के बहिष्कार के कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान उनकी गिरफ्तारी और जेल की सजा हुई।

देश की स्वतंत्रता के बाद हंसा मेहता उन 15 महिलाओं में शामिल थीं जो संविधान सभा का प्रारूप तैयार करने वाली कमेटी की सदस्या के साथ मूल अधिकारों पर बनी सलाहकार कमेटी की भी सदस्या थीं। हिंदू कोड बिल पर बहस के दौरान डॉ. हंसा मेहता ने महिला अधिकारों की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि देश की हर महिला को बराबर हक मिलना चाहिये, चाहे वह किसी भी समुदाय की महिला हो। उन्होंने पिता की संपत्ति पर बेटियों को भी बेटे के बराबर का हकदार माना। वे चाहती थी कि भारतीय महिलाओं को भी बतौर इंसान देखा जाए, पिता या परिवार पर आश्रित महिला नहीं।

हंसा मेहता ने बड़ौदा विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर के रूप में भी अपनी अलग छाप छोड़ी। लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय रहीं हंसा मेहता ने गुजराती में बाल साहित्य की रचना की जिसमें अरुणू अदभूत स्वप्न, बबलाना पराक्रमो, बलवर्तावरी आदि शामिल हैं। उन्होंने वाल्मीकि रामायण: अरण्यकांड, बालकांड और सुंदरकांड का अनुवाद किया। गुलिवर्स ट्रेवल्स जैसी अंग्रेजी कहानियों और शेक्सपियर के नाटकों का भी उन्होंने अनुवाद किया। उन्हें भारत सरकार की तरफ से 1959 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। 4 अप्रैल 1995 को इस महान शख्सियत ने दुनिया को अलविदा कहा।

अन्य अहम घटनाएं:

1818: अमेरिकी कांग्रेस ने अमेरिका के झंडे को स्वीकृति दी।

1858: रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों की फौज से भीषण युद्ध के बाद झांसी को छोड़ना पड़ा।

1904: हिंदी सिनेमा के महान गायक कुंदनलाल सहगल का जन्म।

1905: हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में भूकंप से 20 हजार लोगों की मौत।

1968: मार्टिन लूथर किंग की हत्या।

1975: बिल गेट्स और पॉल एलन की भागीदारी में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना।

1979: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को मौत की सजा।

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