रेडियम की चमक, चिकित्सा के क्षेत्र के लिए नयी रोशनी बनकर आई। 21 दिसंबर 1898 में वैज्ञानिक दंपति पोलैंड की रसायन विज्ञानी मैरी स्कोलोडोव्सका क्यूरी और फ्रांस के रसायन विज्ञानी पियरे क्यूरी ने रेडियम नामक रेडियोधर्मी तत्व की खोज की।
रेडियम एक चमकने वाला रेडियोधर्मी धातु है जो नमक जैसा दिखता है। रेडियम, यूरेनियम के अयस्क से प्राप्त होता है। यूरेनियम का शुद्धिकरण करने पर रेडियम बाइप्रोडक्ट के रूप में प्राप्त होता है।
दरअसल, मैडम क्यूरी ने पिचब्लेंड नामक तत्व से यूरेनियम अलग किया जिसके बाद उन्हें रेडियोधर्मी तत्व काफी मात्रा में बचा दिखा। उन्होंने कई टन पिचब्लेंड को रिफाइन किया तब बहुत कम मात्रा में रेडियम मिला। यूरेनियम के एक टन अयस्क में महज 0.14 ग्राम रेडियम होता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में इसका इस्तेमाल खासतौर पर कैंसर रोगियों के लिए नयी राह बनकर आया। इससे गामा किरण निकलती है जिसका कैंसर के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।