इतिहास के पन्नों मेंः 08 फरवरी – सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रखर हिमायती

स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, कानूनविद्, शिक्षाविद्, लेखक और इतिहासकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का भारत के नवनिर्माण में अहम स्थान है।

सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष रहे केएम मुंशी, संविधान सभा में ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य के साथ कई दूसरी उप समितियों के भी सदस्य रहे। 1938 में भारतीय विद्या भवन की स्थापना के लिए भी उनका स्मरण किया जाता है। उन्हें मुंबा देवी संस्कृति महाविद्यालय सहित कई दूसरे शिक्षण संस्थानों की स्थापना का श्रेय जाता है। वे कुलपति, राज्यपाल सहित कई महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्ष के रूप में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दीं। 08 फरवरी 1971 को उनका निधन हो गया।

ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 29 दिसंबर 1887 में बांबे राज्य (आज गुजरात) में पैदा हुए केएम मुंशी का कहना था कि भारतीय संस्कृति कोई जड़ वस्तु नहीं, यह चिंतन का सतत प्रवाह है। वे मानते थे कि अपनी जड़ों को पकड़े रहना है, लेकिन बाहर की हवा का निषेध नहीं करना है।

केएम मुंशी बांबे से विधि स्नातक होने के बाद वकालत की और 1915 में गांधीजी से प्रभावित होकर आजादी के आंदोलन में सक्रिय हो गए। सविनय अवज्ञा आंदोलन, सत्याग्रह आंदोलन सहित महात्मा गांधी के दूसरे स्वतंत्रता कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कई माह जेल में रहे।

गुजराती और अंग्रेजी के अच्छे लेखक होने के बावजूद केएम मुंशी को हिंदी से खासा अनुराग था। राष्ट्रीय हितों के लिए वे हमेशा हिंदी के साथ मजबूती से खड़े रहे। उन्होंने हंस पत्रिका के संपादन में मुंशी प्रेमचंद का सहयोग किया। उन्होंने 50 से अधिक पुस्तकें लिखीं जिसमें उपन्यास, कहानी, नाटक, इतिहास से संबंधित हैं। 1956 में उन्होंने अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता की।

अन्य अहम घटनाएंः

1897ः पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन का जन्म।

1925ः सुप्रसिद्ध ठुमरी गायिका शोभा गुर्टू का जन्म।

1939ः पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेम्स माइकल लिंगदोह का जन्म।

1941ः मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह का जन्म।

1951ः हिंदी के मंचीय कवि अशोक चक्रधर का जन्म।

1963ः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का जन्म।

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