16 फरवरी 1944 को हिंदी सिनेमा के पितामह, सूत्रधार और महान स्वप्नदर्शी फिल्मकार दादा साहब फाल्के का निधन हो गया। उनके सम्मान में दिया जाने वाला दादा साहब फाल्के पुरस्कार, भारतीय सिने जगत का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान है।
दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को त्र्यंबकेश्वर नामक तीर्थस्थल के करीब हुआ था। उनका पूरा नाम धुडीराज गोविंद फाल्के था। उन्होंने 1885 में पंद्रह साल की उम्र में जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में चित्रकला की शिक्षा लेने के बाद 1890 में बड़ोदा के एक सुप्रसिद्ध महाराजा सयाजीराव विवि में फोटोग्राफी और स्थापत्य कला का अध्ययन किया।
‘दी लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ नामक फिल्म देखकर दादा साहब फाल्के के मन में अपने देश के महापुरुषों और देवी-देवताओं पर फिल्म निर्माण का विचार आया। उन्होंने एक फिल्म की स्थापना की और मूक फिल्मों के दौर में उनकी फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ ने कमाल का प्रदर्शन किया। इस फिल्म को 1913 में मुंबई के कोरोनेशन थियेटर में प्रदर्शित किया गया था। उनकी अगली फिल्में ‘मोहनी’ भस्मासुर’ और ‘सावित्री सत्यवान’ भी काफी हिट साबित हुई।
अपनी फिल्मों में नये प्रयोगों के लिए वे जल्द ही दर्शकों में काफी पसंद किये जाने लगे। अपने फिल्मी जीवन में दादा साहब फाल्के ने 1913 से 1923 तक करीब 125 फिल्मों का निर्माण किया जिनमें से कई यादगार फिल्में साबित हुईं जिनमें ‘लंका दहन’, ‘श्रीकृष्ण जन्म’, ‘कालिया मर्दन’, ‘कंस वध’, ‘शकुंतला’, ‘संत तुकाराम’ आदि प्रमुख हैं। ये सभी मूक फिल्में थीं और 1937 में बनाई फिल्म ‘गंगावतरण’ उनकी इकलौती बोलती फिल्म थी।
अन्य अहम घटनाएं:
1759: मद्रास पर फ्रांस का कब्जा खत्म।
1896: हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म।
1937: अमेरिकी वैज्ञानिक वालेस कैरोदर्स को नायलॉन का पेटेंट मिला जिसका शुरू में टूथब्रश बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
1938: सुप्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का निधन।
1956: भारत के महान वैज्ञानिक मेघनाद साहा का निधन, उन्हें विज्ञान में साहा इक्वेशन के लिए याद किया जाता है।
1959: फिदेल कास्त्रो ने क्यूबा का शासन अपने हाथों में लिया।
1959: टेनिस के सर्वकालिक महान खिलाड़ी जॉन मैकनरो का जन्म।