उड़न सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह, पय्योली एक्सप्रेस के नाम से नवाजी गयीं पीटी उषा, जसपाल राणा, अभिनव बिंद्रा, मैरीकॉम से लेकर नीरज चोपड़ा तक। खेल के मैदान में भारत के इन चमकते सितारों ने दुनिया भर को प्रभावित किया। ये सभी खिलाड़ी एशियाई खेल आयोजन, जिसे एशियाड के नाम से भी जाना जाता है, पहली बार वहीं अपनी प्रतिभा की चमक दिखाई। आगे चलकर इनमें से कई खिलाड़ियों ने ओलंपिक तक का शानदार सफर पूरा किया।
एशिया का यह सबसे बड़ा खेल आयोजन पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित है। हर चाल साल पर अलग-अलग एशियाई देशों में होने वाली इस खेल प्रतियोगिता का आगाज भारत से हुआ था। 1951 में नई दिल्ली में 04 मार्च से 11 मार्च के बीच एशियाई खेल का पहला आयोजन भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ। नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में पहले एशियाई खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह हुआ और देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्घाटन किया।
इस पहली खेल प्रतियोगिता में 11 एशियाई देशों के 489 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इसमें 8 खेलों की 57 स्पर्धाएं आयोजित की गयी। खास बात यह है कि 1948 में लंदन ओलंपिक में शामिल होने से जापान को रोक दिया गया था और एशियाई खेल महासंघ की संस्थापक बैठक में भी वह शामिल नहीं हुआ लेकिन इस प्रतियोगिता में जापान न केवल शामिल हुआ बल्कि सबसे ज्यादा 24 स्वर्ण पदकों के साथ 60 पदकों पर कब्जा कर शीर्ष स्थान पर रहा। दूसरे स्थान पर भारत था जिसके खिलाड़ियों ने 15 स्वर्ण पदक के साथ 51 पदक हासिल किए। यह एशियन गेम्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
एशियाई खेल प्रतियोगिता का आयोजन स्थल एशियाई खेल महासंघ के सदस्य देशों के बीच बारी-बारी से निर्धारित किया जाता है। यह प्रतियोगिता एशियाई देशों की आपसी एकता और एकजुटता की प्रतीक है। इसमें केवल एशियाई देशों के खिलाड़ी भाग लेते हैं और इसका नियामन एशियाई ओलंपिक परिषद् द्वारा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद् की निगरानी में किया जाता है।
अन्य अहम घटनाएं:
1886: मद्रास के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी बलुसु संबमूर्ति का जन्म।
1899: प्रसिद्ध साहित्यकार ठाकुर जगमोहन सिंह का निधन।
1921: महान आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म।
1922: अभिनेत्री दीना पाठक का जन्म।
1928: प्रसिद्ध भारतीय अधिवक्ता और राजनेता सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा का निधन।
1939: सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी और गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल का निधन।