इतिहास के पन्नों में : 05 मार्च – जब भारतीयों को फिर मिला नमक बनाने का अधिकार

भारतीय इतिहास में 5 मार्च 1931 कभी न भूलने वाले अवसर के रूप में याद किया जाता है। यह दिन महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुए एतिहासिक समझौते के लिए याद किया जाता है, जिसे गांधी-इरविन समझौता कहा गया। इस समझौते का सबसे अहम बिंदु था- भारतीयों को समुद्र किनारे नमक बनाने का अधिकार फिर से मिलना।

यह पहला मौका था जब अंग्रेज सरकार भारतीयों के साथ समान स्तर पर किसी समझौते के लिए राजी हुई थी। दरअसल, अंग्रेज सरकार ने स्वतंत्र रूप से भारतीयों के नमक बनाने और उसे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद भारतीयों को महंगे दामों पर अंग्रेजों का नमक खरीदना पड़ता था। अंग्रेज सरकार ने इस नमक पर भारी टैक्स लगा रखा था जिससे यह अप्रत्याशित रूप से महंगा था।

नमक पर कर लगाने के कानून के खिलाफ गांधीजी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की। मार्च से अप्रैल 1930 के बीच गांधीजी ने 78 सहयोगियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी तक पैदल यात्रा की। इस दौरान नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून को भंग किया। सत्याग्रहियों ने लाठियां खाते हुए भी अपना विरोध जारी रखा। आखिरकार गांधी सहित दूसरे सत्याग्रहियों की गिरफ्तारी हुई।

हालांकि नमक कानून के खिलाफ शुरू किया गया आंदोलन जल्द ही देश के दूसरे हिस्सों में फैल गया। दुनिया भर की मीडिया में इसकी सुर्खियां बनी और लॉर्ड इरविन के लिए जब मुश्किलें बढ़ीं तो इरविन ने गांधीजी से बातचीत का फैसला किया। गांधीजी को 1931 में जेल से रिहा कर दिया गया। 5 मार्च 1931 को गांधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

अन्य अहम घटनाएंः

1913ः सुप्रसिद्ध गायिका गंगूबाई हंगल का जन्म।

1916ः उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनीतिज्ञ बीजू पटनायक का जन्म।

1934ः मशहूर कवि सोम ठाकुर का जन्म।

1959ः मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्म।

1964ः मशहूर हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह का जन्म।

2010ः देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति गंगा प्रसाद बिड़ला का निधन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *