इतिहास के पन्नों में : 24 मार्च – हर रोज चार हजार लोगों की जान लेने वाला दैत्य

टीबी यानी ट्यूबरक्युलोसिस या तपेदिक की बीमारी। 24 मार्च 1882 को टीबी के वायरस की पहचान हुई इसलिए पूरी दुनिया में यह वर्ल्ड ट्यूबरक्युलोसिस डे के रूप में मनाया जाता है। जिसका लक्ष्य टीबी संक्रमितों में बीमारी को बढ़ने से रोकना और उनके जल्द से जल्द इलाज सुनिश्चित करना है। फेफड़ों की यह बीमारी हवा के जरिये एक-दूसरे में फैलती है। संसार की सबसे घातक संक्रामक बीमारी टीबी, रोजाना चार हजार लोगों की जान लेती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व की आबादी का एक चौथाई हिस्सा टीबी से संक्रमित है।

अन्य अहम घटनाएंः

1837ः कनाडा में अश्वेत नागरिकों को मतदान का अधिकार मिला।

1855ः कोलकाता और आगरा के बीच पहली बार टेलीग्राफ से लंबी दूरी का संदेश प्रेषित किया गया।

1855ः ब्रिटिश कैबिनेट मिशन भारत पहुंचा।

1977ः मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री बने जिन्होंने केंद्र में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनायी।

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