इतिहास के पन्नों में: 11 मई – सोमनाथ मंदिर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद व नेहरू के मतभेद

12 ज्योतिर्लिंगों में पहला सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन का साक्षी और विदेशी आक्रांताओं के बर्बर हमलों का शिकार होता रहा। इन हमलों में मंदिर की पस्त हालत को देखकर 12 नवंबर 1947 को जब देश के उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल यहां पहुंचे तो भावुक हो उठे थे। उन्होंने इसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी अपने सहयोगी केएम मुंशी को सौंपी। जिन्होंने मंदिर का पुनर्निर्माण अंजाम तक पहुंचाया।

1951 में मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य जब पूरा हुआ तब तक सरदार पटेल का निधन हो चुका था। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को मंदिर का पुनर्निर्माण पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के शामिल होने को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति के मंदिर के कार्यक्रम में जाने का गलत संदेश जाएगा। उन्होंने राजेंद्र बाबू को इस कार्यक्रम में जाने से रोकने का प्रयास किया।

हालांकि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसे दरकिनार करते हुए पुनर्निर्माण के बाद भव्यतम रूप में बदले सोमनाथ मंदिर में 11 मई 1951 को आयोजित कार्यक्रम में न केवल हिस्सा लिया बल्कि कहा, ‘सोमनाथ मंदिर इस बात का परिचायक है कि पुनर्निर्माण की ताकत हमेशा तबाही की ताकत से ज्यादा होती है।’

अन्य अहम घटनाएं:

1912: मशहूर कहानीकार और लेखक सआदत हसन मंटो का जन्म।

1918: जानी-मानी शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का जन्म।

1950: प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का जन्म।

1962: सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने। उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद का स्थान लिया।

1998: भारत ने पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण करने का ऐलान किया।

2000: जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या 1 अरब पहुंची।

2002: भारत की पहली महिला पायलट आबिदा सुल्तान का निधन।

2007: उप्र विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी को बहुमत।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *