बात टेनिस के एक मुकाबले भर की है मगर पूरी दुनिया में इसका व्यापक संदेश गया। खासतौर पर इस मुकाबले ने लैंगिग समानता को तब गति दी जब पश्चिमी देशों में भी इसकी बात कम होती थी। तो 1973 में ह्यूस्टन एस्ट्रोडम में 29 साल की बिली जीन किंग और 55 साल के पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी रहे बॉबी रिग्स के बीच मैच खेला गया, जिसे बैटल ऑफ सेक्सेस के नाम से जाना जाता है। इस मुकाबले की पुरस्कार राशि थी एक लाख डॉलर।
दरअसल पुरुष टेनिस खिलाड़ी रिग्स जब 55 की उम्र में पहुंचे तो उन्होंने डींग हांकते हुए दावा किया कि महिलाओं की टेनिस में कोई दम नहीं है, यहां तक कि वे इस उम्र में भी किसी भी महिला टेनिस खिलाड़ी को हरा सकते हैं। 29 साल की बिली जीन किंग ने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया बल्कि उन्होंने इस मुकाबले में रिग्स को सीधे सेट्स में 6-4, 6-3, 6-3 से हरा दिया। इस बेहद लोकप्रिय मुकाबले को स्टेडियम में 30 हजार दर्शकों ने देखा जबकि करीब पांच करोड़ लोगों ने टीवी पर यह मैच देखा। इस मुकाबले ने खेल और खासकर टेनिस में महिला खिलाड़ियों को पुनर्भाषित किया।