पॉलीग्राफ टेस्ट में बोला संजय – ‘आरजी कर नहीं, अन्य सरकारी अस्पताल में…’

कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में पकड़े गए सिविक वॉलंटियर संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान दावा किया कि उसकी नियमित आवाजाही आरजी कर नहीं, बल्कि अन्य सरकारी अस्पताल में होती थी। रॉय ने इस मामले से कोई संबंध न होने का दावा किया है लेकिन उसके वकील ने माना कि रॉय के बयान की जांच की जानी चाहिए।

सूत्रों के अनुसार पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आरोपित संजय रॉय से 10 सवाल पूछे गए थे। हर सवाल के जवाब में उसने कहा कि वह इस अपराध में शामिल नहीं है। आरोपित से सीबीआई ने जो सवाल पूछे थे उनमें से एक था कि वह हत्या के बाद सेमिनार हॉल से बाहर निकलते समय कमरे को कैसे सजाकर गया था? इसके जवाब में आरोपित ने साफ कहा कि उसने कोई हत्या नहीं की, इसलिए कमरे की सजावट का सवाल ही नहीं उठता।

आरोपित ने अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में बताया कि उसने माध्यमिक तक पढ़ाई की है। वकील के मुताबिक पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान आरोपित ने यह भी दावा किया कि अगर आरजी कर की जगह किसी अन्य सरकारी अस्पताल में जाया जाए तो उसके बारे में सही जानकारी मिल सकेगी। उसने कहा कि उसी अस्पताल में उसकी अधिक आवाजाही थी और वहां के कर्मचारी उसे अच्छी तरह से जानते हैं। उसने विश्वास जताया कि अस्पताल के कर्मचारी उसके चरित्र के बारे में सही जानकारी देंगे। सूत्रों के अनुसार आरोपित ने सियालदह के एक सरकारी अस्पताल का नाम लिया है।

आरोपित जिस बाइक का इस्तेमाल करता था उस पर ‘पुलिस’ लिखा हुआ था। उससे पूछा गया कि उसे यह बाइक किससे मिली? उसने बताया कि कोलकाता पुलिस के एएसआई अनूप दत्ता ने उसे यह बाइक इस्तेमाल करने के लिए दी थी। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने उक्त पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ की है।

आठ अगस्त की रात को आरोपित आरजी कर अस्पताल क्यों गया था? पॉलीग्राफ टेस्ट में उसने बताया कि उसके दोस्त के बड़े भाई वहां भर्ती थे और वह उन्हें देखने गया था। हालांकि, उसने बार-बार इस बात से इनकार किया कि उसका उस घटना से कोई संबंध है, जो उस रात हुई थी।

उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था। एक दिन के भीतर ही पुलिस ने सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। पुलिस ने कहा था कि गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपित ने अपराध स्वीकार कर लिया तो अब वह इससे क्यों इनकार कर रहा है? आरोपित ने वकील को बताया कि पुलिस ने उस पर अत्याचार किया था, इसलिए उसे अपराध स्वीकार करना पड़ा।

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