नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में कहा कि तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था में भारत विश्व मित्र के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ और वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास के इंजन के रूप में देखती है।
गांधीनगर के महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के 10वें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख रेटिंग एजेंसियों की राय है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि 10 साल पहले भारत 11वें स्थान पर था। आज दुनिया की हर प्रमुख रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमी में जाएगा। एक ऐसे समय में जब विश्व अनेक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है। तब भारत दुनिया में विश्वास की एक नई किरण बनकर उभरा है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज तेजी से बदलते हुए वर्ल्ड आर्डर में भारत विश्वमित्र की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। आज भारत ने विश्व को ये भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं, अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, निष्ठा, प्रयास और भारत का परिश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और समृद्ध बना रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने निवेश आकर्षित करने और राज्य के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात समिट आर्थिक विकास और निवेश का एक वैश्विक मंच बन गया है। उन्होंने कहा, “हाल ही में भारत ने आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया। अब भारत अगले 25 साल की तैयारी कर रहा है। हमारा लक्ष्य आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। अगले 25 साल भारत के लिए ‘अमृतकाल’ होने वाले हैं। यह नये संकल्पों का समय है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-यूएई संबंधों में तेज वृद्धि के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई ने फूड पार्क के विकास, नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग और नवीन स्वास्थ्य देखभाल में निवेश के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत के बंदरगाह बुनियादी ढांचे के लिए यूएई की कंपनियां अरबों डॉलर के निवेश पर सहमत हुई हैं। भारत और यूएई अपने रिश्ते को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखती है। एक मित्र जिस पर भरोसा किया जा सकता है, एक भागीदार जो लोगों के केंद्रित विकास में विश्वास करता है, एक आवाज जो वैश्विक भलाई में विश्वास करती है, और वैश्विक दक्षिण की एक आवाज के रूप में देखती है।
भारत की अध्यक्षता में गत वर्ष सितंबर माह में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण था, क्योंकि भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य बन गया।
इससे पहले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में हिस्सा लेने वाले वैश्विक व्यापार जगत के नेताओं ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय ‘भविष्य का प्रवेश द्वार’ है और इसमें 34 भागीदार देशों और 16 भागीदार संगठनों की भागीदारी शामिल है। शिखर सम्मेलन का उपयोग उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में भी किया जा रहा है।