कोलकाता : नेपाल में आगामी आम चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारत-नेपाल सीमा 17 से 20 नवंबर के बीच बंद रहेगी। इस दौरान आपातकालीन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए आवश्यक दस्तावेज पर अनुमति रहेगी।
दरअसल, दार्जिलिंग जिले में नेपाल के साथ दो सीमा बिंदु हैं। एक दार्जिलिंग में पानीटंकी और दूसरा मिरिक में पशुपति में है। इसमें दूसरा सीमा बिंदु नेपाल में पशुपतिनाथ आने वाले पर्यटकों द्वारा विशेष रूप से इस्तेमाल होता है। दार्जिलिंग में कुल भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र लगभग 100 किलोमीटर तक फैला है। भारत-नेपाल सीमाओं की रक्षा के लिए जिम्मेदार केंद्रीय सशस्त्र बलों सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सीलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। पता चला है कि नेपाल सरकार के अनुरोध के बाद केंद्र ने यह फैसला लिया है।
एसएसबी के महानिरीक्षक (उत्तर बंगाल) श्रीकुमार बंदोपाध्याय के अनुसार, इस अवधि के दौरान न तो किसी को नेपाल से भारतीय सीमा में आने की अनुमति दी जाएगी और न ही भारतीय सीमा से नेपाल जाने वाले किसी भी व्यक्ति को इन दोनों सीमा बिंदुओं में से अनुमति दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा उद्देश्यों के कारण आने या जाने वालों के लिए यह अपवाद रहेगा और इसकी अनुमति केवल सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद ही दी जाएगी।
पता चला है कि एसएसबी ने चार दिनों के दौरान दार्जिलिंग जिले के सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है। लोगों का मानना है कि निर्यातकों को दो सीमा बिंदुओं, विशेष रूप से पानीटंकी सीमा बिंदु को बंद करने के निर्णय के कारण व्यापार के बड़े नुकसान की आशंका है, जिसके माध्यम से दोनों देशों के बीच प्रतिदिन लगभग छह सौ मालवाहक ट्रक चलते हैं। दार्जिलिंग जिले से सब्जियां ले जाने वाले ट्रक मुख्य रूप से इसी सीमा से गुजरते हैं। पता चला है कि बिहार के किशनगंज जिले के गलगलिया में भारत-नेपाल सीमा को भी उक्त अवधि के दौरान सील कर दिया जाएगा।