चीन के दुश्मन वियतनाम को भारत देगा ब्रह्मोस, सौदा फाइनल होने के करीब

– चीन और पाकिस्तान को जवाब है भारत-वियतनाम की दोस्ती का गाढ़ा रंग

– दक्षिण सागर में क्रूज मिसाइल से चीन को काबू में लाना चाहता है वियतनाम

नयी दिल्ली : चीन-पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारत और वियतनाम की दोस्ती भी अब गाढ़ी होने लगी है। दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की बढ़ती दादागीरी के बीच भारत और वियतनाम के बीच रक्षा संबंध और ज्यादा मजबूत हो रहे हैं। फिलीपींस के बाद अब वियतनाम के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों का सौदा फाइनल होने के करीब है। भारत की यात्रा पर 19 जून को आ रहे वियतनाम के रक्षा मंत्री फान वान गियांग के साथ इस संभावित सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

भारत और रूस के सहयोग से विकसित की गई ब्रह्मोस अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली पर आधारित है। रूसी सरकार ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस किसी तीसरे देश को निर्यात करने की अनुमति दे दी है। इसी के बाद फिलीपींस, वियतनाम, मिस्र, इंडोनेशिया और ओमान सहित कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में बहुत रुचि दिखाई है। फिलीपींस ने पिछले साल सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए 374 मिलियन डॉलर से अधिक का भारत के साथ सबसे बड़ा और पहला विदेशी सौदा किया था। रूस से ब्रह्मोस के निर्यात की अनुमति ऐसे समय मिली है, जब चीन के पड़ोसी देश वियतनाम से भारत की दोस्ती का रंग गाढ़ा हो रहा है।

इसी का नतीजा है कि अब वियतनाम के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों का सौदा फाइनल होने के करीब है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करने का संकेत है। सूत्रों ने बताया कि वियतनाम से ब्रह्मोस मिसाइलों की तीन से पांच इकाइयों के बीच ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। प्रत्येक बैटरी के साथ कई मिसाइलें शामिल हैं, जिसकी कीमत लगभग 125 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है, इसलिए संभावित सौदा 375 मिलियन या 625 मिलियन डॉलर के बीच हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वियतनाम ब्रह्मोस की कितनी इकाइयों का अधिग्रहण करना चाहता है।

वियतनाम के रक्षा मंत्री फान वान गियांग 19 जून को भारत की यात्रा पर नई दिल्ली आने वाले हैं, जिसमें इस संभावित सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। दरअसल, चीन के साथ चल रही खटपट के बीच वियतनाम भारत से ब्रह्मोस मिसाइल लेकर दक्षिण चीन सागर में तैनात करना चाहता है। इससे दक्षिण चीन सागर और उसके आसपास के इलाके में चीन का खौफ कम होगा और साथ ही वियतनाम के साथ भारत के संबंध और मजबूत होंगे। इस बीच चीन ने भारत के पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार आदि को कई तरह के संवेदनशील हथियार देकर भारत की सुरक्षा पर आंच डाली है, लेकिन अब भारत ने भी चीन के दुश्मन देशों को ब्रह्मोस देकर ‘जैसे को तैसा’ वाली नीति अपना ली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *