नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में एक हफ्ते के भीतर बारामूला, अनंतनाग और राजौरी में आठ आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में पांच दिन से चल रही मुठभेड़ की निगरानी करने के लिए सैन्य हेलीकॉप्टर मंडरा रहे हैं। यहां अब तक ड्रोन फुटेज में 03 आतंकियों के शव देखे गए हैं। इस बीच अनंतनाग और कुलगाम क्षेत्र में लगभग 28 आतंकियों के मौजूद होने के ख़ुफ़िया इनपुट ने सेना को चौंका दिया है। इन 12 पाकिस्तानी और 16 स्थानीय आतंकियों में उजैर खार, बासित अहमद डार, हाफिज यावर बशीर डार और अन्य शामिल हैं।
बारामूला के उड़ी सेक्टर में 16 सितंबर को एलओसी पार करने का प्रयास करते समय तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, जिसमें से एक आतंकी का शव खोजने के दौरान पाकिस्तान ने गोलीबारी शुरू करके युद्धविराम का उल्लंघन किया है। आसपास के क्षेत्र में पाकिस्तानी पोस्ट से गोलीबारी के कारण तीसरे आतंकी का शव अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है। चिनार कॉर्प्स के कमांडर ने रविवार को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी और सीटी ग्रिड की समीक्षा करने के लिए उरी सेक्टर बारामूला में आगे के क्षेत्र का दौरा किया, जहां 3 आतंकियों को मार गिराया गया है। कोर कमांडर ने युद्ध की तैयारी और परिचालन तैयारियों के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए सैनिकों की सराहना की और बारामूला में सफल ऑपरेशन संचालन के लिए उन्हें बधाई दी।
इसी तरह, अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में पांचवें दिन भी मुठभेड़ चल रही और ऑपरेशन स्थल की निगरानी के लिए सैन्य हेलीकॉप्टर मंडरा रहे हैं। सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में एक बहुस्तरीय घेरा स्थापित किया गया है। अब तक ड्रोन फ़ुटेज में आतंकी के 3 शव देखे गए हैं। उन दोनों आतंकियों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, जिन्हें अभी तक नहीं मारा जा सका है। इस बीच सेना को एक ख़ुफ़िया इनपुट मिला है कि अनंतनाग और कुलगाम क्षेत्र में लगभग 28 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें 12 पाकिस्तानी और 16 स्थानीय आतंकी हैं। इसमें उजैर खार, बासित अहमद डार, हाफिज यावर बशीर डार और अन्य शामिल हैं।
मुठभेड़ के पूरे क्षेत्र पर नजर रखने के लिए छोटे क्वाडकॉप्टर और बड़े ड्रोन को लगाया गया है। ड्रोन से कैप्चर किए गए फुटेज में भारतीय सेना को छोटे सशस्त्र ड्रोन का उपयोग करके गुफाओं पर बम गिराते हुए दिखाया गया है, जहां आतंकी छिपे हुए थे। कोकेरनाग मुठभेड़ के पांचवें दिन हेलीकॉप्टर ऑपरेशन स्थल के ऊपर लगातार मंडरा रहे हैं। ऊबड़-खाबड़ जंगली इलाके और कभी-कभार होने वाली बारिश ने सुरक्षा बलों के सामने ऑपरेशन के दौरान चुनौतियां पेश कीं हैं। यह क्षेत्र असाधारण रूप से सीमित है, जिसके एक तरफ घने जंगल हैं और दूसरी तरफ खड़ी खाई है। इसीलिए सेना ने पहाड़ियों पर छुपे आतंकियों का खात्मा करने के लिए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर से लैस कमांडो को उतारा है।