जालान पुस्तकालय में आयोजित हुई अंतर्विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता

वक्ताओं ने बताया ‘वक्तृत्व कला’ को भावों, विचारों को अभिव्यक्त करने का सर्वोत्तम माध्यम

कोलकाता : रविवार को सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के तत्वावधान में अंतर्विद्यालय ‘वक्तृत्व प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महानगर के प्रतिष्ठित 09 विद्यालयों के 18 छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ताज़ा टीवी के निदेशक एवं छपते–छपते के संपादक विश्वंभर नेवर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी रामायण, महाभारत एवं अन्य धर्मग्रंथों से प्रेरणा लेकर ही भारत को विश्वगुरु बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकती है।

मुख्य वक्ता टी. बोर्ड के सचिव एवं सुप्रसिद्ध चिंतक डॉ ऋषिकेश राय ने कहा कि भारत आज अपनी संस्कृति की मृदुशक्ति के कारण विश्वगुरु की भूमिका निभाने के लिए प्रस्तुत है।इसकी प्राचीन सभ्यता ही इसका संबल है। युवा आज अपने योगदान से देश को आगे ले जा रहे हैं। इस प्रतियोगिता में क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार श्री जैन विद्यालय के अनुभव शर्मा, सावित्री पाठशाला की सुजैन मुनिर और मारवाड़ी बालिका विद्यालय की प्रीति सिंह को मिला तथा लक्ष्य ओझा एवं वसुंधरा साह को प्रोत्साहन पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. विक्रम साव, डॉ. स्नेहा सिंह, डॉ. प्रियंका शाह थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ विवेक तिवारी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत भाषण देते हुए संस्था की मंत्री दुर्गा व्यास ने सभागार में उपस्थित सभी सुधिजनों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन प्राध्यापिका दीक्षा गुप्ता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय के अध्यक्ष भरत कुमार जालान ने किया।

इस अवसर पर अजयेंद्रनाथ त्रिवेदी, अरुण प्रकाश मल्लावत, डॉ. आर. एस. मिश्रा, चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय ‘अनुरागी’, सीताराम अग्रवाल, डॉ. कमल कुमार, सर्वदेव तिवारी, जयप्रकाश मिश्रा, भगीरथ सारस्वत, अविनाश गुप्ता, बृजेश सिंह के साथ–साथ विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक, अध्यापिकाएं और छात्र–छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी, पलक सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

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