कोलकाता : पश्चिम बंगाल के ‘तरुणेर स्वप्न’ योजना के तहत 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को टैबलेट के लिए धनराशि दी जाती है। लेकिन हाल ही में इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धन की हेराफेरी के मामले सामने आए हैं। उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा से शुरू हुए इस घोटाले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं। राज्य सरकार ने अब इस घोटाले के पीछे कुख्यात ‘जामताड़ा गैंग’ का हाथ होने की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में इसे लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए नया कानून लाने और सख्त तंत्र विकसित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी पर विश्वास करते हैं, लेकिन सभी समान नहीं होते। इसलिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं। जामताड़ा गैंग ने छात्रों के टैबलेट के लिए दिए गए जनता के पैसे को हैक किया। हमने इस योजना के तहत 1600 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब तक कई आरोपित पकड़े गए हैं। लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए विशेष तंत्र (मेकानिज्म) बनाया जा रहा है। यदि कोई फिर से ऐसा करेगा, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
टैब घोटाले की जांच के लिए जिला पुलिस और कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है। अब तक हुई गिरफ्तारियों में अधिकांश आरोपित उत्तर बंगाल से हैं। जांच के दौरान पाया गया कि बैंक खातों में गड़बड़ी के पीछे ‘जामताड़ा गैंग’ जैसा नेटवर्क सक्रिय था।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह से यह घोटाला उजागर हुआ है, वह दर्शाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार रोकने के लिए मजबूत कानून की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में ऐसा घोटाला हुआ, लेकिन वहां के प्रशासन ने कुछ नहीं किया। हमने न केवल इसे पकड़ा, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि छात्रों को उनके टैबलेट दिए जाएंगे और किसी भी तरह की वित्तीय हेराफेरी को रोकने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठाएगी।
इस मामले में राज्य सरकार का रुख साफ है कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके लिए कड़े कानून लागू किए जाएंगे।