इतिहास के पन्नों में 18 जनवरीः रूडयार्ड किपलिंग न होते तो न ‘द जंगल बुक’ धारावाहिक होता और न ‘मोगली’

देश-दुनिया के इतिहास में 18 जनवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख दूरदर्शन के प्रसिद्ध धारावाहिक ‘द जंगल बुक’ और उसके लेखक रूडयार्ड किपलिंग के लिए खास है। उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के ख्यात ब्रितानी लेखक रूडयार्ड किपलिंग अगर न होते तो न ”द जंगल बुक” होती न ही बच्चों का प्यारा ”मोगली”।

किपलिंग बाल कहानियों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। इनमें द जंगल बुक और ”द जस्ट सो” प्रमुख कहानी संग्रह हैं। रूडयार्ड किपलिंग का जन्म 1865 में मुंबई में हुआ था। 1907 में साहित्य के लिए उन्होंने नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। 18 जनवरी, 1936 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा।

दूरदर्शन पर शोहरत बटोर चुका ‘द जंगल बुक” धारावाहिक का पात्र मोगली बच्चों का प्रिय पात्र रहा। खास बात यह है कि मोगली जितना लोकप्रिय हुआ, उससे भी ज्यादा हिट हुआ मोगली का गाना। यह था-जंगल-जंगल बात चली है, पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है। इस गीत को लिखा था गुलजार ने। कहा जाता है कि रुडयार्ड किपलिंग को मोगली की प्रेरणा एक असली लड़के से मिली थी, जो सच में 20 साल भेड़ियों के साथ रहा था और फलस्वरूप उन्हीं की तरह चलने और बोलने लगा था।

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