देश-दुनिया के इतिहास में 27 जनवरी तमाम अहम कारणों से दर्ज है। इस तारीख का महत्व बल्ब के आविष्कार अमेरिका के वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन से भी जुड़ा है। एडिसन ने 27 जनवरी, 1880 को ही बल्ब का पेटेंट कराया था। एडिसन बल्ब बनाने के प्रयास में कई बार विफल हो गए थे पर कभी हार नहीं मानी। एक बार उन्होंने अपने चपरासी को ऑफिस में बुलाकर उसके हाथ में बल्ब थमाते हुए टेस्ट करने को कहा। बल्ब की खोज में लगातार विफल हो रहे एडिसन की बात सुनकर वो घबरा गया और उसके हाथ से बल्ब छूटकर टूट गया।
एडिसन ने दो दिन बाद उसे फिर बुलाया। इस बार भी एक और बल्ब थमाया। इस पर एडिसन के एक साथी ने उन्हें टोका। कहा-अगर उसने फिर गिरा दिया तो मेहनत खराब हो जाएगी। यह सुनकर एडिसन ने कहा कि अगर बल्ब टूट भी गया तो दोबारा बन जाएगा। लेकिन, अगर उसका का आत्मविश्वास टूट गया, तो उसे लौटाना मुश्किल होगा। आत्मविश्वास के बिना कोई भी काम मुश्किल है। इस बात ने सभी को एक सीख दी।
एक बार एक पत्रकार ने एडिसन से सवाल किया कि 10 हजार बार फेल होने के बाद की सफलता से आप कैसा महसूस कर रहे हैं? इस पर एडिसन ने कहा था कि मैं 10 हजार बार फेल नहीं हुआ हूं बल्कि मैंने 10 हजार बार में बल्ब का आविष्कार किया है। थॉमस का जन्म 11 फरवरी, 1847 में अमेरिका के मिलान में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में आविष्कारों के 1,093 पेटेंट कराए। पढ़ाई में कमजोर एडिसन ने 10 साल की उम्र में अपने घर में एक लैब बना ली थी।एडिसन ने बल्ब बनाने में 40 हजार डॉलर खर्च किए थे। एडिसन का निधन 18 अक्टूबर, 1931 को हुआ था।