कोलकाता : वर्ष 1956 में स्थापित झुंझुनूं प्रगति संघ, कोलकाता के नवनिर्मित बसंत लाल जगतरामका स्मृति झुंझुनूं भवन का उद्घाटन हेस्टिंग्स अंचल के क्लाइड रोड में उद्योगपति ‘पद्मश्री’ प्रहलाद राय अग्रवाल के हाथों हुआ जिसमें देश के कई प्रांतों से झुंझुनूं प्रवासियों की उपस्थिति रही। कोलकाता महानगर के झुंझुनूं प्रवासी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
अपने संबोधन में अग्रवाल ने शिक्षा, संस्कृति, सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा, ‘’आजादी के पहले और बाद में झुंझुनूं के उद्यमियों ने देश को आर्थिक रूप से सबल बनाने में अप्रतिम योगदान दिया और आज भी देश के कोने-कोने में बसे झुंझुनूं के प्रवासी उद्यमी अपनी सूझ-बूझ एवं उद्यमिता से विकास की नई-नई गाथा लिख रहे हैं, यह गर्व की बात है।”
अग्रवाल ने आगे कहा कि कोलकाता के झुंझुनूं प्रवासियों ने समाज कल्याण के लिए आपसी एकता और समर्पण के बूते यह भवन निर्मित किया। यह नायाब उदाहरण है किसी शहर के नागरिकों द्वारा प्रवास में रहते हुए अपने शहर के नाम को प्रचारित-प्रसारित करने का।
झुंझुनूं प्रगति संघ, मुंबई के ट्रस्टी और प्रतिष्ठित उद्योगपति रमाकांत टिबड़ेवाल ने कहा कि झुंझुनूं का होना अपने आपमें गर्व का द्योतक है क्योंकि जहां भी झुंझुनूं के लोग गये हैं वहां उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और प्रगति का इतिहास रचा है।
झुंझुनूं प्रगति संघ, कोलकाता के अध्यक्ष विनोद कुमार नांगलिया ने कहा कि झुंझुनूं प्रवासी सदैव अपनी जन्मभूमि एवं कर्मभूमि के विकास में अग्रणी रहे हैं, आगे भी रहेंगे। सचिव नरेन्द्र कुमार तुलस्यान ने कहा कि झुंझुनूं सिर्फ व्यवसायिक प्रगति में ही नहीं देश और समाज के लिए अपना प्राण न्यौछावर करने में भी अग्रणी रहा है। झुंझुनूं शहर के अधिकांश सड़कों का नामकरण राष्ट्र की सेवा करते-करते शहीद हुए वीर सपूतों के नाम पर यूं ही नहीं है।
स्वागताध्यक्ष अधिवक्ता बजरंग लाल तुलस्यान ने कहा कि झुंझुनूं एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता का परिचायक है। यहां की मिट्टी में ऐसी विशेषता है कि यहां के लोग हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। व्यवसाय – वाणिज्य, साहित्य-संस्कृति से लेकर पेशेवर क्षेत्रों में भी झुंझुनूं के लोगों ने राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है।
इसी दिन धन-धान्य सभागार में सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ जिसके मुख्य अतिथि उद्योगपति हरिमोहन बांगड़ व सजन भजनका थे। दोनों ने अपने संबोधन में झुंझुनूं प्रगति संघ, कोलकाता के पदाधिकारियों की दूरदर्शिता, सांगठनिक एकता तथा समरसततापूर्ण सोच की बड़ाई की और कहा कि अन्य संस्थाओं को भी इसका अनुकरण करना चाहिए। भजनका ने यह भी कहा कि कोलकाता में मध्यम व निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए पारिवारिक – सामाजिक समारोहों के लिए आवासीय सुविधा सहित एक किफायती स्थान का उपलब्ध होना बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है।
इस दिन कोलकाता और देश के प्रतिष्ठित झुंझुनूं प्रवासियों को “झुंझुनूं गौरव सम्मान” से विभूषित किया गया जिनमें प्रमुख थे – रमाकांत टिबड़ेवाल (मुंबई), डॉ. दिलीप मोदी (झुंझुनूं), मनीष अग्रवाल (झुंझुनूं), ओमप्रकाश मोदी, रमेश जगनानी, सुधीर गाडिया, आनंद कायां, राजकुमार टिबड़ेवाल (सभी जयपुर), संदीप ढ़ेढ़िया, योगेश सिंघानिया (हैदराबाद), जगदीश प्रसाद मोदी (दिल्ली), केदारनाथ राणासरिया, बजरंग लाल तुलस्यान, व संदीप खंडेलिया (कोलकाता)। स्वर्गीय गिरधारीलाल जगतरामका, स्वर्गीय नंदलाल शाह, स्वर्गीय घनश्याम दास शाह को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया क्योंकि इनके अवदानों से ही भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
जयपुर से आये मशहूर गायक रवीन्द्र उपाध्याय ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जिसे लोगों ने खूब सराहा। कार्यक्रम का संचालन महावीर रावत और सच्चिदानंद पारीख तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद मोदी व संदीप खंडेलिया ने किया। कार्यक्रम का प्रबंधन एल्यूर इवेंट्स द्वारा किया गया।