बिहार में नौकरियों की बहार, 27,370 पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की मुहर

मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
पटना : बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों का पिटारा खोल दिया है। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें 27,370 से भी अधिक पदों पर नई नियुक्तियों के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने कई योजनाओं को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत राज्य में विभिन्न विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

इससे पहले विगत 19 मार्च को कैबिनेट की बैठक में कुल 38 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी थी। इसकी जानकारी मंत्रिमंडल के समन्वय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में कृषि विभाग में लिपिक संवर्ग नियमावली-2024 के आलोक में कुल 2,590 पदों के पुनर्गठन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इसके अलावा बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटरों के कुल 35 नए पदों पर बहाली के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।

इसी तरह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत राज्य के कुल छह जिलों -रोहतास, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण, बेगूसराय, किशनगंज और गोपालगंज में स्थायी रूप से एक-एक नया उत्पाद रसायन प्रयोगशाला खोला जाएगा। इन प्रयोगशालाओं में परीक्षक, प्रयोगशाला सहायक, प्रयोगशाला तकनीशियन, निम्न वर्गीय लिपिक और उत्पाद एवं कार्यालय परिचारी के कुल 48 नए पदों पर नियुक्ति की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग में 20,016 नये पदों का सृजन

मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य संवर्ग एवं अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन के प्रस्ताव पर भी अपनी मुहर लगा दी है। इसमें कुल 20,016 नये पदों का सृजन किया गया है। इसके तहत कुल तीन निदेशक बनाए जाएंगे। शैयायुक्त आयुष अस्पताल, नवाब मंजिल, पटना के संचालन के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के आलोक में राजपत्रित और अराजपत्रित संवर्ग के कुल 36 नए पदों का सृजन किया गया है। सरकार ने राज्य में संचालित प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। इसके तहत प्रखंड स्तर पर एक सुदृढ़ प्रशासनिक संरचना विकसित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्गीय नियमावली-2025 के गठन की स्वीकृति दे दी है।

मंत्रिमंडल ने बिहार राज्य उर्दू अनुवादक संवर्ग नियमावली-2016 के अधीन सहायक उर्दू अनुवादक के कुल 1653 पदों के सृजन को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि अब राज्य में सहायक उर्दू अनुवादक के पदों की संख्या को बढ़ाकर 3,306 की जाएगी। केंद्र प्रायोजित अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत बक्सर जलापूर्ति परियोजना के लिए कुल 156 करोड़ एक लाख 32 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि बिहार दंत शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली-2025 को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। बिहार आकस्मिकता निधि के स्थायी कार्य जो 350 करोड़ रुपये हैं, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 30 मार्च 2026 तक के लिए और अस्थायी रूप से बढ़ाकर 10,000 करोड़ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्यमंत्रियों के बढ़े वेतन-भत्ते

वित्त विभाग ने सप्तम राज्य वित्त आयोग के गठन को अपनी स्वीकृत दे दी है। इसके तहत आयोग के अध्यक्ष को मंत्री और अन्य सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। बिहार के मंत्री वेतन एवं भत्ता नियमावली-2006 में संशोधन करते हुए राज्यमंत्रियों और उप मंत्रियों के वेतन-भत्ता में वृद्धि की गई है। अब उप मंत्रियों और राज्यमंत्रियों का वेतन 50 हजार रुपये से बढ़कर 65 हजार रुपये हो जाएगा। इसके साथ ही उनको मिलने वाले क्षेत्रीय भत्ता को 55 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये कर दिया गया है, जबकि उनके दैनिक भत्ता को तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये कर दिया गया है। इतना ही नहीं राज्यमंत्रियों के आतिथ्य भत्ता को 24 हजार रुपये से बढ़ाकर 29,500 रुपये और उपमंत्री को मिलने वाले आतिथ्य भत्ता को 23,500 रुपये से बढ़ाकर 29000 रुपये कर दिया गया है। सरकारी कर्तव्यों के निर्वहन के लिए अनुमान यात्रा भत्ता को 15 रुपये प्रति किलोमीटर के स्थान पर अब 25 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है।

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