इतिहास के पन्नों में 16 जुलाईः ऊंची जाति की विधवाओं को 166 साल पहले मिली पुनर्विवाह की अनुमति

देश-दुनिया के इतिहास में 16 जुलाई का अहम स्थान है। समाज सुधार आंदोलनों के इतिहास में 166 साल पहले एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने 16 जुलाई को भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया।

16 जुलाई, 1856 को समाज सुधारकों के अथक प्रयास से देश में ऊंची जाति की विधवाओं को पुनर्विवाह करने की अनुमति मिली। इससे पहले हिंदुओं में ऊंची जाति की विधवाएं दोबारा विवाह नहीं कर सकती थीं।July 16 in the pages of history: Upper caste widows got permission to remarry 166 years ago

तत्कालीन ब्रितानी सरकार से इस कानून को लागू करवाने में समाजसेवी ईश्वरचंद विद्यासागर का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने विधवा विवाह को हिंदुओं के बीच प्रचलित करने के लिए अपने बेटे का विवाह भी एक विधवा से कराया था।

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