इतिहास के पन्नों में 18 जुलाईः अंग्रेज जाते-जाते भारत को दे गए विभाजन की टीस

देश-दुनिया के इतिहास में 18 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। 18 जुलाई की तारीख भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण है। ठीक 76 साल पहले भारत के दो टुकड़े करने का ऐलान हुआ था। तीन जून 1947 को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के दो हिस्से करके भारत और पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव किया था। 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया।

इस विभाजन ने लाखों लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया। कहा जाता है कि इस दौरान करीब सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए। इतिहास में किसी राजनीतिक कारण से होने वाला ये सबसे बड़ा विस्थापन था। बंटवारे के दौरान हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए। 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद तो हुआ, लेकिन इस आजादी के साथ ही बंटवारा भी हुआ। भारत की आजादी से एक दिन पहले 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान एक नया मुल्क बना।

विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान की सीमा निर्धारित करने के लिए एक सीमा आयोग के गठन की बात कही गई थी और इसी के तहत पंजाब और बंगाल के विभाजन का प्रावधान किया गया था।

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