इतिहास के पन्नों में 26 जुलाईः आओ मनाएं करगिल विजय दिवस

देश-दुनिया के इतिहास में 26 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख हर भारतीय के लिए बेहद खास है। 26 जुलाई 1999 को ही भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान कारगिल की लड़ाई में हराया था।

यह युद्ध करीब 84 दिन चला था। कारगिल विजय दिवस के रूप में भारत के लिए यह गौरवशाली तारीख है। इस युद्ध में मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वालों की स्मृति में कारगिल युद्ध स्मारक की स्थापना की गई है। यह द्रास में है।

खास बात यह है कि इस स्मारक में पाकिस्तान की सेना के बंकर भी हैं। देश के सबसे ठंडे इलाके में स्थापित इस स्मारक पर जाना किसी के लिए भी शानदार अनुभव हो सकता है। द्रास वह इलाका है, जहां सर्दियों में तापमान -35 डिग्री सेल्सियस हो जाता है और कभी-कभी तो इससे भी कम।

यह स्मारक युद्ध में वीरगति को प्राप्त 500 से ज्यादा भारतीय सैनिकों को समर्पित है। यहां ऊंची पर्वतीय चोटियों की पृष्ठभूमि में मुख्य श्रद्धांजलि स्थल पर हमेशा चलते रहने वाली तेज हवा से ऊंचा लहराता तिरंगा और साथ में 24 घंटे प्रज्ज्वलित रहने वाली अमर ज्योति की लौ शहीद सैनिकों के सम्मान में जीवंत दृश्य सृजित करते हैं।

स्मारक के बायीं तरफ करगिल समर में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के नाम और अन्य विवरण वाले शिलालेख हैं। स्मारक के विजय पथ के दोनों तरफ उन नायकों की आवक्ष प्रतिमाएं हैं, जिन्होंने दुश्मन सैनिकों को अपनी भूमि से खदेड़ने के लिए पराक्रम दिखाया।

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