इतिहास के पन्नों में 27 जुलाई: `रहने योग्य ग्रह’ विषय पर बोलते हुए डॉ. कलाम ने दुनिया को अलविदा कहा

शिलांग में 27 जुलाई 2015 की शाम भारतीय प्रबंधन संस्थान में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम `रहने योग्य ग्रह’ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर बोल रहे थे कि अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा। डॉ. कलाम बेहोश होकर गिर पड़े और करीब साढ़े छह बजे उन्हें गंभीर हालत में बेथानी अस्पताल के आईसीयू में ले जाया गया।

शाम 07.45 बजे अस्पताल की तरफ से 84 वर्षीय डॉ. कलाम के निधन की खबर जारी कर दी गई। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि जब डॉ. कलाम को अस्पताल लाया गया तब तक उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे।

देश के पूर्व राष्ट्रपति और जाने-माने वैज्ञानिक रहे डॉ. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम ताउम्र अविवाहित रहे। उन्होंने अपने कार्यों और विचारों से देश की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया।

15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में पैदा हुए डॉ. कलाम ने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चार दशकों तक डीआरडीओ और इसरो जैसे देश के प्रमुख संस्थानों को संभालने वाले डॉ. कलाम बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी विकास के लिए जाने जाते हैं। युवा वर्ग को बेहद पसंद करने वाले डॉ. कलाम ने कई किताबें लिखीं। उन्हें भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

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