देश-दुनिया के इतिहास में 02 जून का मिशन मून के लिहाज से अहम स्थान है। अमेरिका ने 1966 में आज के ही दिन अपने पहले ही प्रयास में अंतरिक्ष यान को चांद पर उतारकर इतिहास रचा था। इसके बाद 21 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर कदम रख दुनिया को चौंकाया। उन्होंने कहा था कि इंसान का यह छोटा सा कदम मानवता के लिए विराट छलांग है। नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले पहले इंसान के रूप में इतिहास में दर्ज हैं। अपोलो मिशन के तहत अमेरिका ने वर्ष 1969 से 1972 के बीच चांद की ओर कुल नौ अंतरिक्ष यान भेजे और छह बार इंसान को चांद पर उतारा। अपोलो मिशन खत्म होने के तीन दशक के बाद तक चंद्र अभियान के प्रति बेरुखी सी दिखाई दी। मगर चांद की चाहत कम नहीं हुई।
हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने आर्टेमिस मून मिशन की रूपरेखा प्रकाशित की है। इसके अंतर्गत 2024 तक एक स्त्री और एक पुरुष को चंद्रमा पर भेजने की योजना है। यह मिशन इस दशक का सबसे खास और महत्वपूर्ण मिशन होगा। कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में यह नए युग का सूत्रपात करेगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह मिशन चांद से शुरू होगा, पर यह भविष्य में प्रस्तावित मंगल अभियान और दूसरे अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। चीन भी 2024 तक चंद्रमा पर अपने अंतरिक्ष यात्री उतारने की तैयारी कर रहा है। रूस 2030 तक चांद पर अपने लोगों को उतारने की तैयारी में है।