देश-दुनिया के इतिहास में 03 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत के इतिहास और भूगोल को बदलने के लिए भी याद की जाती है। वर्ष 1947 में इसी तारीख को ब्रिटिश राज में भारत के अंतिम वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने देश के बंटवारे का ऐलान किया था। भारत के बंटवारे की इस घटना को ‘तीन जून योजना’ या ‘माउंटबेटन योजना’ के तौर पर भी जाना जाता है। इस योजना को ‘डिकी बर्ड प्लान’ भी कहा जाता है। देश में दंगे हो रहे थे और केंद्र में कांग्रेस की अंतरिम सरकार हालात को काबू में नहीं कर पा रही थी, क्योंकि कानून एवं व्यवस्था का मसला प्रांतों के पास था। लिहाजा, राजनीतिक और सांप्रदायिक गतिरोध को खत्म करने के लिए ‘तीन जून योजना’ आई। इसमें भारत के विभाजन और भारत और पाकिस्तान को सत्ता के हस्तांतरण का विवरण था। 18 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश पार्लियामेंट ने इस योजना को पारित कर दिया।
आज से ठीक 76 साल पहले घोषित बंटवारे की इस योजना ने लाखों लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया। कहा जाता है कि इस दौरान करीब सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए। विश्व इतिहास में किसी राजनीतिक कारण से होने वाला यह सबसे बड़ा विस्थापन है। बंटवारे के दौरान हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए। 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ, लेकिन इस आजादी के साथ भारत का बंटवारा हुआ। भारत की आजादी से एक दिन पहले 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान एक नया मुल्क बना। इसके साथ कश्मीर जैसी जटिल समस्या का जन्म हुआ।