देश-दुनिया के इतिहास में 15 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय इतिहास की सबसे बदरंग तारीख है। भारत के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटना में शुमार किया जाता है। यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था। रातोंरात भूगोल बदल गया। कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला। किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया। एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदाय के लोग हमसाया से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनों समुदाय के दिल में नफरत की खाई खोद दी। बंटवारे के इस दुखद इतिहास में 15 जून की तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नई दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए।