देश-दुनिया के इतिहास में 28 जून की तारीख तमाम वजह से दर्ज है। भारत के राजनीतिक इतिहास में वैसे तो पूरा जून का महीना ही रूह कंपा देने वाला है। 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा तीन दिन बाद सरकार ने प्रेस पर सेंशरशिप लगा दी। राजनीतिक विरोधियों और आंदोलनकारियों पर पहरा बिठा दिया गया। हजारों लोगों को गिरफ्तार कर जेलों में ठूंस दिया गया। नागरिकों के मूल अधिकार छीन लिए गए।
समाचार पत्रों में खबरों को सेंसर किया गया। अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई। आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए। हालात इस कदर बिगड़े कि टाइम और गार्जियन अखबारों के संवाददाताओं को भारत छोड़ने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित अन्य एजेंसियों के टेलेक्स और टेलीफोन कनेक्शन काट दिए गए।