‘कालीघाट के काकू’ को हाई कोर्ट से मिली जमानत

कोलकाता : नियुक्ति घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए सुजय कृष्ण भद्र, ऊर्फ कालीघाट के काकू को कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी। इससे उनकी जेल से रिहाई की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, सीबीआई की ओर से ‘शोन अरेस्ट’ करने की कोशिशों के चलते यह मामला जटिल बना हुआ है।

सीबीआई ने ‘कालीघाट के काकू’ को ‘शोन अरेस्ट’ (पहले से गिरफ्तार व्यक्ति को फिर से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया) करने के लिए निचली अदालत में अर्जी दी थी। लेकिन अब तक यह कार्रवाई नहीं हो पाई है। हाई कोर्ट ने काकू को जमानत देते हुए तीन शर्तें लगाई हैं—

1. मामले से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

2. गवाहों को प्रभावित नहीं किया जाएगा।

3. पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा और बिना अनुमति पश्चिम बंगाल या अदालत की सीमा से बाहर नहीं जाया जाएगा।

अदालत ने आदेश दिया कि सुजय कृष्ण को नौ दिसंबर को निचली अदालत में पेश होना होगा। अदालत के इस आदेश के चलते उनकी जेल से रिहाई पर संशय बना हुआ है।

देर से गिरफ्तारी का मामला

डेढ़ साल पहले ईडी ने नियुक्ति घोटाले में काकू को गिरफ्तार किया था और तब से वे प्रेसीडेंसी जेल में बंद हैं। ईडी ने उनकी आवाज़ के नमूने भी एकत्र किए थे। अब सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है, ताकि उनकी आवाज़ के नमूने लिए जा सकें। हालांकि, काकू ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत में पेशी से चार बार परहेज किया। जेल प्रशासन ने अदालत को उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट सौंपी है।

सीबीआई की देरी पर अदालत ने सवाल उठाए थे। हाई कोर्ट ने कहा कि जब काकू डेढ़ साल से जेल में हैं, तो अब जाकर पूछताछ की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? अदालत ने सीबीआई की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जमानत की संभावना को देखते हुए हिरासत की मांग की जा रही है।

काकू के वकील सलीम रहमान ने कहा कि उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद निचली अदालत में जाकर सीबीआई ने गलत कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी के मामले में जमानत मिलने के बाद उन्हें दोबारा गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में काकू को जेल से रिहाई मिलती है या नहीं।

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