कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह करीब नौ बजे कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी में हुई टक्कर में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है। इस हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। अब तक 15 लोगों के शव बरामद हुए हैं, जबकि कम से कम 30 लोगों के घायल होने की खबर है। ये संख्या और बढ़ सकती है।
नॉर्थ फ्रांटियर रेलवे के प्रवक्ता सव्यसाची डे ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि कंचनजंगा एक्सप्रेस सिक्किम के अगरतला से पश्चिम बंगाल के सियालदह जा रही थी। एक्सप्रेस ट्रेन सिलीगुड़ी के फांसीदेवा में रंगापानी स्टेशन के पास रुइधासा में रेड सिग्नल की वजह से रूकी हुई थी। इसी दौरान पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी।
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने कहा, “इस दुर्घटना में आठ लोगों की मौत हुई है, 25 घायल हुए हैं। प्रथम दृष्टया इसका कारण मानवीय भूल प्रतीत होती है। प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि यह सिग्नल की अनदेखी का मामला है। कवच को पश्चिम बंगाल के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रचारित करने की आवश्यकता है।”
सीईओ वर्मा सिन्हा ने कहा, “मालगाड़ी के चालक और सहायक चालक तथा कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के गार्ड की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। बचाव अभियान पूरा हो गया है। सिग्नल की अनदेखी करने वाले चालक (लोको पायलट) की मौत हो गई है और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की भी जान चली गई है।”
उन्होंने बताया, “आज सुबह यह हादसा हुआ है, कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह जा रही थी उसे पीछे से मालगाड़ी ने सिग्नल को तोड़ते हुए टक्कर मारी है। ट्रेन के पीछे का गार्ड का डिब्बा, दो पार्सेल वैन और जनरल डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं। बचाव अभियान जारी है। हमने हेल्पलाइन, हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं, जिससे यात्रियों के परिजन उनके बारे में जानकारी ले सकें। यह ट्रेन अगरतला से सियालदह जा रही थी, इसलिए मार्ग के हर स्टेशन पर हेल्प डेस्क स्थापित स्थापित किए गए हैं।”