कोलकाता : एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के सहयोग से केयरिंग माइंड्स ने कोलकाता हवाई अड्डे पर एक संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित किया। इस बात पर जोर दिया गया कि एक समावेशी उड़ान अनुभव लाने के लिए हवाई अड्डे के अधिकारियों और कर्मचारियों एवं विभिन्न एयरलाइन अधिकारियों को विशेष जरूरतों वाले लोगों और उनके परिजनों को हवाई उड़ान में मिलने वाली चुनौतियों के बारे में शिक्षित किया जाये। इसका संचालन मनोचिकित्सक मीनू बुधिया ने किया जो केयरिंग माइंड्स (ओपीडी मानसिक स्वास्थ्य क्लिनिक) एवं आइ केन फ्लाइ (विशेष आवश्यकता वालों के लिए संस्थान) की संस्थापक-निदेशक हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों व उपस्थिति सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने काफी सराहना की।
साइकोथेरेपिस्ट मीनू बुधिया ने कहा, “सभी एयरपोर्ट और एयरलाइन के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस तथ्य से अवगत कराने की आवश्यकता है कि विशेष सहायता काउंटर न केवल व्हीलचेयर की जरूरत वाले यात्रियों के लिए है, बल्कि बौद्धिक चुनौतियों वाले व्यक्तियों के लिए भी है। यह जागरुकता इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई बौद्धिक चुनौतियाँ अदृश्य हैं – जरूरी नहीं कि एक विशेष आवश्यकता वाला यात्री हमेशा ऐसा दिखे कि उसे मदद की जरूरत है। ‘दिव्यांग’ में बौद्धिक दिव्यांगता शामिल है इसलिए विशेष जरूरत वाले यात्रियों व उनके अभिभावक (माता-पिता/ भाई-बन/केयरटेकर) को यह अधिकार है कि वे भी दिव्यांग लेन का इस्तेमाल कर सकें। यह एक बहुत ही साधारण सी बात है जो एक समावेशी उड़ान के अनुभव का सृजन करेगी।”
सी. पत्ताभी, आईएपी (निदेशक, एएआई) ने कहा, “यह एक उत्कृष्ट पहल है और मीनू जी को इस अभिनव कार्यशाला को एक साथ लाने के लिए बधाई दी जानी चाहिए। यह कार्यशाला हमारे लिए आखों को खोलने वाली थी। अन्य विषयों पर ऐसी गहराई वाली कार्यशालाएं हमारे स्टाफ को जरूर लाभान्वित करेगी।”