कोलकाता : दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला गरमा गया है। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे। उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मंत्री आतिशी सिंह भी थीं। आप नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं, कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से किनारा कर लिया है।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इसपर साथ आने का आग्रह करती हूं। यह मौका है, बहुत बड़ा मैसेज जाएगा। 24 से पहले बीजेपी को हराने का बहुत बड़ा मौका मिल गया, मेरी पार्टी अध्यादेश का विरोध करेगी और हम सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय की मांग करते हैं।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ बनाने का अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश को कानूनी अमलाजामा पहनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है। हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा। दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था।