नयी दिल्ली : आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तीन दिन की सीबीआई हिरासत शनिवार को खत्म हो गई। इसके बाद आज उन्हें दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया और ड्यूटी जज सुनैना शर्मा ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कोर्ट से केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की। केजरीवाल की ओर से पेश वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि हम न्यायिक हिरासत की मांग के खिलाफ भी अर्जी दाखिल करना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए थोड़ा वक्त दिए जाने का आग्रह किया। चौधरी की इस मांग पर कोर्ट ने पूछा कि आप यह अर्जी को क्यों दाखिल करना चाहते हैं। अगर जमानत अर्जी दाखिल करनी है तो संबंधित कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करें। हालांकि, इसके बाद कोर्ट ने केजरीवाल के वकील को अर्जी दाखिल करने की इजाजत दे दी।
केजरीवाल के वकील ने अर्जी में मांग की है कि कोर्ट को केस डायरी देखनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान क्या सबूत मिले हैं, इसकी जानकारी आरोपित को देना जरूरी नहीं है। इस समय एजेंसी को सिर्फ कोर्ट को रिमांड के लिए संतुष्ट करना काफी है। यह देखना कोर्ट का दायित्व है कि मामले की जांच के दौरान जांच अधिकारी ने क्या कदम उठाए हैं, लेकिन यह कोर्ट और जांच अधिकारी के बीच का मामला है। सीबीआई ने कहा कि वो 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे।
कोर्ट ने कहा कि अगर सीबीआई एक निश्चित तारीख तक इस मामले की जांच पूरी करने के दिए गए अपने बयान का पालन नहीं कर पाती तो ऐसे में आपको जमानत मांगने का आधार मिल जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कि हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट के पास कानून के मुताबिक आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। सीबीआई ने भी स्पष्ट किया कि न तो आरोपित और ना ही कोर्ट जांच अधिकारी से केस डायरी मांग सकता है। कोर्ट सिर्फ केस डायरी देख सकता है।
आज केजरीवाल की पेशी के समय कोर्ट में केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने पत्नी और परिवार के सदस्यों से कोर्ट में मिलने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।