समाप्त हुआ खरमास, 2022 में 57 दिन गूंजेगी शहनाई की धुन

कोलकाता : सूर्य के उत्तरायण होने और मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त होते ही अब तमाम शुभ कार्य शुरू हो गए हैं, शहनाई बजने की तैयारी होने लगी है। लंबे समय से शादी विवाह का इंतजार कर रहे घरों में तैयारी तेज हो गई है।

अभिभावक अपने बच्चों की शादी की तैयारी में जुट गए हैं, पंडित जी से दिन बनवाया जा रहा है, बैंड बाजा, टेंट हाउस एवं हलवाई की बुकिंग तेज हो गई है। हालांकि कोरोना संक्रमण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है तथा गृह विभाग द्वारा प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। जिसके कारण कम भीड़ जुटाकर नियमों का पालन करते हुए लोग विवाह की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। पंडित आशुतोष झा ने बताया कि इस वर्ष 2022 में पंचांग के अनुसार विवाह के 57 दिन शुभ मुहूर्त हैं।

15 जनवरी तक खरमास और पंचश्लाका वेध के कारण विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं था। परंपरा के अनुसार वर-वधु की कुंडली में 36 बिंदुओं पर मिलान के बाद शादी की तिथि तय होती है। शादी विवाह सिर्फ तिथि ही नहीं, नक्षत्र, माह, तिथि, पंचश्लाका वेध, लग्न तथा शुभ ग्रह के हिसाब से तय होता है। मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो चुका है, लेकिन तिथि, नक्षत्र और ग्रहों का योग सही नहीं रहने के कारण शहनाई अगले सप्ताह से बजेगी। उसके बाद शादी शुरू होगी तथा जनवरी में 23, 24, 27 एवं फरवरी में 2, 6, 7, 10 एवं 11 को विवाह की शुभ तिथि है। 11 फरवरी के बाद गुरु अस्त दोष रहने के कारण विवाह का मुहूर्त नहीं है। मार्च में गुरुअस्त एवं खरमास दोष के कारण विवाह का कोई मूहूर्त नहीं है। उसके बाद अप्रैल में 17, 20, 21, 22, 24, 25, 27 एवं 28 को, मई में दो, नौ, 11, 12, 13, 18, 20, 22, 25, 26, 27 एवं 30 को, जून में 1, 5, 6, 9, 10, 13, 19, 22, 24 एवं 26 को तथा जुलाई में 3, 4, 6 एवं 8 को शादी का शुभ मुहूर्त है।

10 जुलाई को हरिशयनी (देवशयनी) एकादशी के बाद चतुर्मास दोष रहने से विवाह सहित तमाम शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। 4 नवंबर को हरिप्रबोधिनी (देवउठान एकादशी) तथा 5 नवंबर को तुलसी विवाह होने के साथ चतुर्मास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद नवंबर में 24, 25, 26, 27 एवं 28 तथा दिसंबर में 2, 3, 4, 7, 8, 9, 13, 14, 15 एवं 16 तारीख को विवाह का शुभ मुहूर्त है।

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