कोलकाता गैंगरेप मामला : केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने बंगाल सरकार की कानून व्यवस्था को बताया चिंताजनक

कोलकाता : कोलकाता लॉ कॉलेज परिसर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसे राज्य की गिरती कानून व्यवस्था का मुख्य कारण बताया।

मंत्री मेघवाल ने कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि “पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। यह बंगाल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और राज्य की छवि पर एक कलंक है।”

इस मामले में कोलकाता पुलिस ने अब तक कुल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) भी शामिल है। पुलिस के अनुसार, यह अपराध बुधवार को कॉलेज परिसर के अंदर हुआ, जिसमें छात्रा को कथित रूप से कॉलेज से जुड़े कुछ पूर्व छात्रों और कर्मियों ने निशाना बनाया।

गिरफ्तार किए गए अन्य तीन आरोपितों की पहचान मनोजित मिश्रा (31), जैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20) के रूप में हुई है। ये सभी या तो कॉलेज के पूर्व छात्र हैं या किसी रूप में संस्थान से जुड़े रहे हैं।

इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर समयबद्ध जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष विजयाराहतकर ने पीड़िता को पूर्ण चिकित्सकीय, मानसिक और कानूनी सहायता प्रदान करने और भारतीय न्याय संहिता की धारा 396 के तहत उचित मुआवजा सुनिश्चित करने की अपील की है।

भाजपा विधायक शंकर घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल इस्तीफे की मांग की। उनका आरोप है कि ममता बनर्जी के शासन में अपराधियों को संरक्षण मिलता है। घोष ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता को और उसके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। हर बार जब महिलाओं के विरुद्ध अपराध होता है, मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया बेहद लचर होती है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता है।

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