◆ कालीघाट मेट्रो स्टेशन पर लगाई जा रही फिक्स्ड रेलिंग
कोलकाता : मेट्रो रेलवे का ब्लू लाइन भारत का सबसे पुराना मेट्रो कॉरिडोर है, जिसने गत 24 अक्टूबर को राष्ट्र सेवा के 40 वर्ष पूरे किए हैं। इस कॉरिडोर की गति पर आए दिन आत्महत्या की कोशिशों से लगाम लग जाता है। महानगर की लाइफ लाइन में अनायास लग रहे इस ब्रेक से यात्री बेहद परेशान हो जाते हैं।
इसी समस्या के समाधान स्वरूप प्रयोग के दृष्टिकोण से कालीघाट मेट्रो स्टेशन में प्लेटफॉर्म पर फिक्स्ड रेलिंग लगाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो जो हाल ही में शुरू हुई है वहां स्क्रीन डोर लगाकर आत्महत्या की कोशिशों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया गया है। हालांकि पुराना कॉरिडोर होने की वजह से ब्लू लाइन में स्क्रीन डोर लगाना संभव नहीं है, इसलिए यहां फिक्स्ड रेलिंग लगाकर समाधान तलाशा जा रहा है।
मेट्रो रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने बताया कि, “हाल के दिनों में देखा गया है कि इस कॉरिडोर में कई यात्री आने वाली मेट्रो के सामने कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि यह एक पुराना कॉरिडोर है, इसलिए मेट्रो अधिकारियों ने यात्रियों को आत्महत्या करने के लिए पटरियों पर कूदने से रोकने के लिए प्लेटफार्मों के किनारों पर रेलिंग लगाने की योजना बनाई है। प्रयोग के तहत कालीघाट मेट्रो स्टेशन पर इस तरह की रेलिंग लगाई जा रही है।”
उल्लेखनीय है कि यात्रियों को इस प्लेटफॉर्म पर चढ़ने और उतरने में कोई परेशानी न हो इसलिए रेलिंग की ऊंचाई 4 फीट रखी गई है। कालीघाट स्टेशन के डीएन प्लेटफॉर्म पर 31 में से 7 रेलिंग पहले ही लगाई जा चुकी है। बाकी रेलिंग कालीघाट मेट्रो स्टेशन पर काली पूजा तक लगा दिए जाने की उम्मीद है।
यात्रियों की प्रतिक्रियाओं व इसकी सकारात्मकता की निगरानी के बाद ब्लू लाइन के अन्य स्टेशनों के प्लेटफॉर्म के किनारों पर भी ऐसी रेलिंग लगाने की योजना है।
फोटो : अदिति साहा