कोलकाता : आसनसोल में कंबल वितरण के दौरान अव्यवस्था की वजह से भगदड़ में दबकर तीन लोगों की मौत के मामले में तृणमूल कांग्रेस ने अब सीधे तौर पर कलकत्ता हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने गुरुवार की दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए शुभेंदु के साथ-साथ न्यायाधीश भी जिम्मेवार हैं। कुणाल ने न्यायाधीश के उस फैसले का जिक्र किया जिसमें शुभेंदु के खिलाफ दाखिल सभी प्राथमिकी पर स्थगन और उनके खिलाफ नई प्राथमिकी से पहले हाईकोर्ट की अनुमति लेने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोई आदमी भविष्य में कैसा अपराध करेगा, यह कोई नहीं जानता। बावजूद इसके उसकी गिरफ्तारी पर रोक और उसके खिलाफ प्राथमिकी पर रोक विधि सम्मत नहीं है।
कुणाल ने राजशेखर मंथा पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम न्याय प्रणाली और न्यायाधीशों का सम्मान करते हैं। आम लोगों का कहना है कि वे हाईकोर्ट जाएंगे। मैं भी अपने वकील से भी कहता हूं कि, हाई कोर्ट में याचिका दायर करो या सुप्रीम कोर्ट चलते हैं। शुभेंदु कहते हैं मैं राजशेखर मंथा के बेंच में जाऊंगा। इसी जज का नाम क्यों महत्वपूर्ण है? जस्टिस राजशेखर मंथा शुभेंदु को ऐसी छूट छूट दे रहे हैं? क्या पुलिस को कोर्ट का इंतजार करना पड़ेगा जब कोई तत्काल खतरा बन जाए? क्या यह एक कानून है? कोर्ट का यह फैसला शुभेंदु अधिकारी में लापरवाह मानसिकता को जन्म दे रहा है। वह कानून नहीं मानते, लगातार पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर अपमान कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की शाम आसनसोल में कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें शुभेंदु अधिकारी शामिल हुए थे। उसी आयोजन में भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में जांच समिति का गठन किया है।