कोलकाता : राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल युवा के नेता (गिरफ्तारी के बाद निष्कासित) कुंतल घोष ने दावा किया है कि उनका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से परिचय नहीं है।
इस मामले में अभिषेक का नाम लेने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की ओर से बनाए जा रहे दबाव संबंधी दावे की बाबत उनसे पूछताछ हुई है।
इसके संबंध में उन्होंने सीबीआई को बताया कि अभिषेक बनर्जी से उनका सीधे तौर पर कोई परिचय ही नहीं है। इसके अलावा यह भी आरोप लगे थे कि प्रेसीडेंसी जेल जहां वह बंद हैं, उसी के अधीक्षक ने उन पर दबाव बनाकर कोलकाता पुलिस और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को पत्र लिखवाया था, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय एजेंसियां अभिषेक का नाम लेने के लिए दबाव बना रही हैं। इस बाबत पूछताछ में कुंतल ने कहा कि किसी ने उन पर पत्र लिखने के लिए दबाव नहीं बनाया। इसके पहले गत शनिवार को भी अभिषेक बनर्जी से पूछताछ हुई थी, जिसमें उन्होंने सीबीआई को बताया था कि वह भी कुंतल को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते।
शुक्रवार को कुंतल को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था। उनसे पूछा गया कि क्या पत्र लिखने के लिए किसी ने उन पर दबाव बनाया था। इसके जवाब में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि किसी के दबाव में नहीं बल्कि उन्होंने खुद ही अपनी मर्जी से डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और कोलकाता पुलिस को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की थी। कुंतल ने दावा किया था कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर अभिषेक का नाम लेने के लिए दबाव बना रही हैं। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों को बदनाम करने की साजिश की ओर संकेत करते हुए कुंतल और अभिषेक से पूछताछ का आदेश दिया है।