बेगूसराय : बिहार में शराबबंदी पर जारी बहस के बीच शासन-प्रशासन इस मामले में कोई चूक नहीं कर रही है। सभी थाना की पुलिस जहां लगातार छापेमारी में जुटी हुई है। वहीं, शराब से संबंधित सूचना संकलन के लिए प्रशासन अब चौकीदार के भरोसे नहीं रहेगी। बल्कि, जीविका दीदी एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं से जानकारी जुटाई जाएगी, ताकि पूरी तरह से शराबबंदी लागू हो सके। सरकार और प्रशासन को उम्मीद है कि गांव-घर से जुड़ी रहने के कारण जीविका दीदी शराब कारोबारी एवं शराबियों के संबंध में सटीक सूचना दे सकती है। इसको लेकर डीएम एवं एसपी ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने मद्य निषेध के लिए सूचना संकलन में चौकीदार के साथ-साथ पंचायत और ग्राम स्तर पर अन्य तंत्रों, विकास मित्र, आँगनबाड़ी केंद्र से जुड़ी सहायिकाओं एवं जीविका के कम्यूनिटी मोबिलाइजर की भूमिका में वृद्धि करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को संबंधित क्षेत्र के विकास मित्रों के साथ, सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रखंडवार सीडीपीओ की उपस्थिति में सेविकाओं के साथ तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को जीविका के प्रखंड परियोजना पदाधिकारी की उपस्थिति में कम्यूनिटी मोबिलाइजर के साथ नियमित अंतराल पर बैठक कर शराब से संबंधित अवैध कार्यों के संबंध में सूचना साझा करने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया है।
डीएम जीविका दीदियों के माध्यम से मद्य निषेध के संबंध में व्यापक रूप से जागरुकता कार्यक्रमों के आयोजन एवं मद्य निषेध की शिकायत दर्ज कराने के लिए जारी टोल फ्री नंबर 18003456268 तथा 15545 के संबंध में व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही डीएम ने सभी थानाध्यक्षों को आदतन अपराधी (हैबुचएल ऑफेंडर) के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-110 के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही शराब विनष्टीकरण के लंबित मामलों के त्वरित गति से निष्पादन करने के लिए एक सप्ताह के अंदर आवश्यक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। जबकि एसपी अवकाश कुमार ने सभी थानाध्यक्ष, इंस्पेक्टर एवं डीएसपी को चिन्हित क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर सघन छापेमारी करने तथा पटना कॉल सेंटर से प्राप्त शिकायतों के संबंध में त्वरित रूप से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।