हरिद्वार/ वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम पूरा हो गया है। इस परिसर से निकलने के बाद हिन्दू पक्ष के वकीलों की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वजूखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है। इस खबर के बाद हरिद्वार के संतों में खुशी की लहर है। संतों ने ज्ञानवापी परिसर मामले का भी अयोध्या की भांति हल निकालने की मांग की है।
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले में ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई सोमवार को पूरी हो गई है। मंगलवार को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया है। इस दावे पर वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को तुरंत सील करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही वाराणसी कोर्ट ने जिलाधिकारी को आदेश देते हुए कहा है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और किसी को भी वहां जाने न दें। कोर्ट के आदेश के बाद वहां सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी गई है। कमीशन की कार्यवाही के दौरान वादी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
इस संबंध में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविंद्र पुरी ने शिवलिंग मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि शिव महापुराण के केदारखंड में इस मंदिर का वर्णन है। यह विश्वेशरनाथ मंदिर है। उनके अनुसार 1664 से 1670 के बीच उनके अखाड़ा के नागाओं ने आक्रांताओं से बचाने के लिए इस शिवलिंग को तालाब में छिपा दिया था। बाद में यह मंदिर फिर से पूजा के लिए खोल दिया गया। 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद यहां फिर बैरीकेडिंग कर दी गई।
उन्होंने बताया कि आज भी ज्ञानवापी के पीछे जो ढांचा दिखाई देता है, वहां एक मंदिर का ढांचा है। इस मंदिर में पहले भी महिलाएं पूजा करने जाया करती थीं। अभी इसी मंदिर में पूजा की मांग को लेकर 5 महिलाओं में याचिका दायर की थी। रविन्द्र पुरी ने कहा कि पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के संन्यासी इस मंदिर में पूजा करने जाया करते थे। यहां पर महानिर्वाणी अखाड़ा की कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि हमारे पूर्वज संन्यासियों ने मंदिरों के संरक्षण के लिए काफी कुछ किया है। आज सरकार के प्रयास के बाद कोर्ट के आदेश से जो कुछ हुआ है, उसके लिए उन्होंने अखाड़ा परिषद और अखाड़े की तरफ से साधुवाद किया है।
उन्होंने कहा कि काशी की संस्कृति ऐसी है जहां हिंदू-मुस्लिम सभी साथ-साथ रहते हैं। उन्होंने कहा मैं खुद वहां पर रहा हूं। उन्होंने कहा कि सर्वे में शिवलिंग की बात सामने आने पर अब मामले को शांतिपूर्वक ढंग से समाधान निकालने की कोशिश की जानी चाहिए। शिवलिंग मिलने की बात सामने आने पर संतों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया तथा दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान आशुतोष की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।