कोलकाता : शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। राज्य सरकार ने घाटे के इस बजट में कृषि के लिए 11 गुना से अधिक राशि का प्रावधान किया गया। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आम लोगों के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है।
शुक्रवार को वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चन्द्रिमा भट्टाचार्य ने दोपहर 2 बजे यह बजट पेश किया। राज्य में बजट पेश करने वाली वह पहली महिला वित्त मंत्री बन गई हैं। इसके पहले वित्त वर्ष 2021 में तत्कालीन वित्त मंत्री अमित मित्रा की तबीयत खराब हो जाने के बाद ममता बनर्जी ने बजट पेश किया था लेकिन वह मुख्यमंत्री के रूप में थीं।
बजट पेश करते हुए चन्द्रिमा भट्टाचार्य ने कृषि और कृषि विपणन के लिए 10 हजार करोड़ आवंटन का प्रस्ताव किया है। उन्होंने बताया कि कृषि विपणन के लिए 403.30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही कृषि के क्षेत्र में 9310.20 करोड़ रुपये निवेश का आवंटन प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में राज्य सरकार ने 11.3 गुना आवंटन बढ़ाया है। किसानों की सहायता के लिए कृषक बंधु योजना चल रही है जिससे 78 लाक किसानों को लाभ मिला है। इसके अलावा पशुपालन विभाग के लिए 266.83 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने महिला और बाल विकास परियोजनाओं के लिए 19,238.27 करोड़ रुपये का आवंटन करके अलावा दलित और महादलित जातियों के विकास के लिए 1089.78 करोड़ रुपये का आवंटन करने का प्रस्ताव किया है। सदन में वित्त मंत्री ने दावा किया कि महामारी के बावजूद राज्य में राजस्व की बढ़ोतरी हुई है। करीब 3.76 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
वित्त मंत्री भट्टाचार्य ने कहा कि महामारी की वजह से इस वर्ष घाटे का बजट पेश किया गया है। उन्होंने दावा किया है कि अगले चार साल में पश्चिम बंगाल में 1 करोड़ 30 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा बजट में कृषि विपणन, कृषक बंधु और महिला और बाल विकास परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी गई है।
विधानसभा में चन्द्रिमा भट्टाचार्य जब बजट पेश करने के लिए खड़ी हुईं, तब भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विरोध प्रदर्शन और हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की योजनाओं को नाम बदलकर राज्य सरकार अपना बता रही है। इस पर भाजपा विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में सदन से वॉकआउट कर दिया।