मुंबई : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद तथा शिवसेना अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। आज ही वे शासकीय आवास छोडक़र अपने निजी आवास में शिफ्ट होने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आज ही मुख्यमंत्री पद का इस्तीफा तैयार कर रहे हैं। कोरोना होने की वजह से वे राज्यपाल के पास नहीं जा सकते हैं। वे चाहते हैं कि जो लोग सूरत अथवा असम में जाकर उनके नेतृत्व की खिलाफत कर रहे हैं, वे खुद आएं और इस्तीफा ले जाकर राजभवन तक पहुंचाएं।
ठाकरे ने बुधवार की शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब महाविकास आघाड़ी सरकार अस्तित्व में आई थी, उस समय वे मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं थे लेकिन शरद पवार ने कहा कि उन्हें नेतृत्व करना होगा, इसी वजह उन्होंने हाँ कही थी। उन्हें कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का भी समर्थन मिला। मुख्यमंत्री पद संभालने के दो-तीन महीने बाद ही राज्य में कोरोना का संकट आ गया था। उन्होंने कहा कि अनुभवहीन रहते हुए भी उस कालखंड में मेरे काम की विश्व स्तर पर तारीफ हुई थी। पिछले दो-तीन महीने आपरेशन होने की वजह लोगों से मिलना कम हो गया था लेकिन अब वह सभी मिल रहे हैं और काम जारी है। ठाकरे ने कहा कि अगर कांग्रेस और राकांपा कहती कि उन्हें पसंद नहीं किया जा रहा है तो उन्हें तकलीफ नहीं होती लेकिन जिन लोगों ने हमेशा उनका साथ दिया, वे गायब होकर अथवा किसी के द्वारा गायब किए जाने के बाद सूरत अथवा असम से उनके प्रति नाराजगी जता रहे हैं, इससे उन्हें बहुत दुःख हुआ है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह लोग आज बालासाहेब ठाकरे के नाम का सहारा ले रहे हैं, जबकि बालासाहेब के निधन के बाद वर्ष 2014 में उनके नेतृत्व में शिवसेना ने विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा था और राज्य में 63 सीटें जीती थीं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसके बाद जो लोग आज नाराजगी जता रहे है, वही सत्ता में थे लेकिन आज वे नाराजगी जता रहे हैं तो वे आएँ और उनका इस्तीफा लेकर जाएं और राजभवन तक पहुंचाएँ, उन्हें किसी भी पद का मोह नहीं है। अगर शिवसेना कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बनता है तो उन्हें बहुत ज्यादा खुशी होगी। इतना ही नहीं, शिवसेना को अगर अच्छा स्थान मिलता है तब भी वे खुश रहेंगे, लेकिन गायब विधायक वापस आएं ,चर्चा करें और आगामी भूमिका तय करें।