तृणमूल में बड़े संगठनात्मक बदलाव, बीरभूम और उत्तर कोलकाता में अब कोर कमिटी के हाथ में कमान

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को संगठनात्मक ढांचे में बड़ा फेरबदल करते हुए कई जिलों में अध्यक्ष और चेयरपर्सन बदल दिए हैं। लंबे समय से चल रही अटकलों पर अब पार्टी नेतृत्व ने मुहर लगा दी है। बीरभूम और उत्तर कोलकाता जैसे महत्वपूर्ण जिलों में अब जिला अध्यक्ष का पद समाप्त कर, कोर कमिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन कोर कमिटियों में संबंधित जिले के विधायकों को शामिल किया गया है।

बीरभूम जिले में कुल सात सदस्यीय कोर कमिटी का गठन किया गया है। इसमें अनुव्रत मंडल, अभिजीत सिन्हा, आशिष बनर्जी, चंद्रनाथ सिन्हा, विकास रायचौधरी, सुदीप्त घोष और काजल शेख को शामिल किया गया है। इसके अलावा सांसद शताब्दी राय और असित माल को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर जोड़ा गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में जब अनुव्रत मंडल पशु तस्करी मामले में जेल गए थे, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद बीरभूम जिला संगठन की जिम्मेदारी संभालने के लिए कोर कमिटी का गठन किया था। अब जबकि अनुव्रत जेल से बाहर हैं, तब भी पार्टी ने उसी कोर कमिटी को ही पूरी जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। अनुव्रत मंडल अब किसी अलग पद पर नहीं रहेंगे, बल्कि केवल कोर कमिटी के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

बीरभूम की तर्ज पर अब उत्तर कोलकाता में भी जिलाध्यक्ष पद को खत्म कर दिया गया है। यहां नौ सदस्यीय कोर कमिटी बनाई गई है, जिसमें विधायक नयना बनर्जी, अतिन घोष, शशि पांजा, परेश पाल, सुप्ति पांडे, स्वर्णकमल साहा, स्वप्न समद्दार, जीवन साहा और विवेक गुप्ता शामिल हैं।

अब तक उत्तर कोलकाता जिलाध्यक्ष का दायित्व सांसद सुदीप बनर्जी के पास था। इस नए बदलाव के तहत उन्हें अब जिला चेयरपर्सन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तृणमूल कांग्रेस ने सिर्फ बीरभूम और उत्तर कोलकाता ही नहीं, बल्कि अन्य कई जिलों में भी संगठनात्मक फेरबदल किए हैं। कुछ जगहों पर चेयरपर्सन बदले गए हैं तो कहीं नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह बदलाव आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन को और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

 

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