कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तथ्य जांच के लिए आई केंद्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय फैक्ट फाइंडिंग टीम किसी जांच के लिए नहीं बल्कि माहौल और अधिक बिगाड़ने के लिए आ रही है। सोमवार की शाम राज्य सचिवालय में एंबुलेंस सेवाओं के उद्घाटन के बाद मीडिया से मुखातिब ममता ने कहा कि हिंसाग्रस्त इलाके पूरी तरह से शांत हैं, उन्हें एक बार फिर नए सिरे से अशांत करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम आ रही है। हर छोटी बड़ी बात पर मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, शिशु सुरक्षा आयोग बंगाल आ रहा है, मजाक बना रखा है।
उल्लेखनीय है कि हावड़ा और हुगली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंची एनएचआरसी की टीम को पुलिस ने रोक दिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ है। केंद्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ममता बनर्जी की सरकार की विफलता की वजह से हिंसा भड़की। शोभायात्राओं पर पहले पथराव हुआ और बाद में पुलिस ने अपनी भूमिका नहीं निभाई।
इधर सोमवार को ममता ने कहा कि भाजपा साजिशन हालात बिगाड़ रही है। धार्मिक सभा में हथियार लेकर क्यों कोई जाएगा। बंदूक लेकर नृत्य क्यों करेगा? बुलडोजर लेकर क्यों जाएगा? हथियार लेकर वे नाच रहे थे।
हिंसा की घटना में हावड़ा में बंदूक लहराने वाले युवक को बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया गया है। उसका नाम सुमित साव है। उसके माँ-बाप हावड़ा के स्थायी निवासी हैं और लंबे समय से वहां रहते हैं। हालांकि उसे बाहरी करार देते हुए ममता ने एक बार फिर कहा कि मुंगेर से जिसे गिरफ्तार किया गया है वह बाहरी है। हमारे यहां के लोग (बंगाली) एक साथ रहते हैं। अशांति नहीं करते। शुरुआत में ही उन लोगों ने इतना हथियार लेकर शोभायात्रा निकाली थी कि पुलिस अगर दोनों पक्षों को रोकती तो फायरिंग में कई लोगों की जान चली जाती इसलिए पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की।
उल्लेखनीय है कि कई बार बंगाल में स्थायी तौर पर निवास करने वाले हिंदीभाषियों को ममता बनर्जी बाहरी लोग करार दे चुकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा करके वह बंगाली भावना को भड़काना चाहती हैं ताकि क्षेत्रवाद के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण हो सके।