कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कर्मियों पर भूपतिनगर में हुए हमले के बहाने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला है। उन्होंने एनआईए अधिकारियों पर ही स्थानीय महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भूपतिनगर में महिलाओं ने किसी पर हमला नहीं किया। असल में एनआईए ने सबसे पहले हमला किया। यदि वे किसी के घर पर असमय जाते हैं और महिलाओं को परेशान करते हैं, तो वे क्या करेंगी? क्या वे घर पर बैठेंगी और अपना चेहरा छिपाएंगी?
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले एनआईए की कार्रवाई मूल रूप से पूर्व मेदिनीपुर जिले में भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए है। भूपतिनगर में कुछ पटाखे फूटे थे। एनआईए तड़के वहां गई। वह भी चुनाव से पहले।
उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम एक स्वतंत्र और निष्पक्ष आयोग चाहते हैं। चुनाव से पहले तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जैसे नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी स्वीकार्य नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने ईडी अधिकारियों पर संदेशखाली में स्थानीय लोगों को भड़काने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे शाहजहां को निशाना बनाकर संदेशखाली गए थे।
एनआईए टीम पर शनिवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में स्थानीय लोगों के एक समूह ने हमला किया। एजेंसी दिसंबर 2022 में हुए एक विस्फोट की जांच करने के लिए वहां गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। पश्चिम बंगाल में तीन महीने से भी कम समय में केंद्रीय जांच एजेंसी पर यह दूसरा हमला है। संदेशखाली में पांच जनवरी को स्थानीय लोगों ने ईडी और सीएपीएफ जवानों पर हमला किया था। इस मामले में तृणमूल नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है।