कोलकाता : सीएए का विरोध करके राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं को वंचित कर मुसलमानों के वोट से चुनाव जीतना चाहती थीं। पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान में भाजपा के सांसद दिलीप घोष ने बुधवार को यह दावा किया। दिलीप घोष ने कहा कि वे समझते हैं कि मुसलमानों का सीएए से कोई लेना-देना नहीं है।
दिलीप घोष ने बुधवार को मीडिया से कहा, “हमने मुख्यमंत्री की खोखली आवाज बहुत सुनी है। केंद्र सरकार की ओर से की गई व्यवस्था में कोई भी वंचित नहीं रहेगा। जिनके पास दस्तावेज हैं उन्हें ऑनलाइन अपलोड करने के बाद नागरिकता कार्ड मिल जाएगा। लेकिन ममता बनर्जी ने सीएए का विरोध किया और हिंदुओं को वंचित करके मुस्लिम वोट हासिल करना चाहती थीं। अब ऐसा नहीं होगा। मुसलमानों को समझ आ गया है कि सीएए से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह अधिनियम केवल शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगा। ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। फिर भी कह रहा हूँ। उन्हें जनता को जवाब देना होगा। कोई भी उनके जाल में फंसने वाला नहीं है।”
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून सोमवार शाम को पूरे देश में लागू हो गया है। सीएए लागू होने की खबर सामने आते ही ममता ने दोपहर को नवान्न में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वहां उन्होंने सीएए का जमकर विरोध किया था। ममता का दावा है कि जो कोई भी सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करेगा वह अवैध नागरिक बन जाएगा। परिणामस्वरूप वह सभी अधिकार खो देगा।